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एयरबस आरएंडडी सेंटर ने भारत को नयी पहचान दिलाई

“एयरोस्पेस व्यावसायिक घरेलू कंपनी एयरबस ने गुजरात के गति शक्ति विश्वविद्यालय में एक नया आरएंडडी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करने का एलान किया है। यह कदम भारतीय नवाचार और शोध इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। एयरबस इंडिया के प्रबंध निदेशक जुर्गन वेस्टरमेयर ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात के बाद यह जानकारी साझा की।”

उन्होंने बताया कि एयरबस अपने कंपोनेंट के लिए हर साल 100 से अधिक भारतीय सप्लायर से 1 बिलियन डॉलर से अधिक का ऑर्डर भरती है। यह सहयोग भारत को वैश्विक एयरोस्पेस सप्लाई चेन में और मजबूत बनाती है।

एयरबस आरएंडडी सेंटर पर मंत्री की टिप्पणी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एयरबस की यह योजना भारत की डिजाइन और इनोवेशन क्षमता को और ऊंचाई देगी। मंत्री ने बताया कि कंपनी पहले से ही भारत के 100 से अधिक सप्लायर से जुड़े हुए हैं और अब गुजरात में एयरबस आरएंडडी सेंटर की स्थापना भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

बेंगलुरु में एयरबस की डिजिटल हब की सफलता एयरबस पहले ही भारत में डिजिटल क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा चुकी है। कंपनी ने बेंगलुरु में एक डिजिटल सेंटर स्थापित किया है, जिसे वह अपने डिजिटल परिवर्तन की रीढ़ कहती है। यह फ्रांस के टूलूज मुख्यालय के बाद एयरबस का दूसरा सबसे बड़ा डिजिटल हब है।

2018 में एयरबस ने भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) का उद्घाटन किया था। इस सेंटर की एक मकसद यह होगा कि कंपनी के वैश्विक डिवीजनों को सपोर्ट प्रदान करे और डिजिटल क्षमताओं को विस्तारित किया जा सके।

एयरबस का भारत में रोजगार और नवाचार

कंपनी ने भारत में 3600 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर दिया है। इनमें से 1500 से अधिक आईटी पेशेवर हैं जो बिज़नेस को आधुनिक आईटी सॉल्यूशंस उपलब्ध कर रहे हैं।

एयरबस भारत के कई टॉप संस्थानों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा, इंजीनियरिंग, साइबर सिक्योरिटी और सस्टेनेबिलिटी पर संयुक्त आरएंडडी प्रोजेक्ट पर काम रही है।

भारत क्यों है एयरबस का रणनीतिक केंद्र एयरबस का मानना है कि भारत उसके लिए एक रणनीतिक संसाधन केंद्र है। यहां की टैलेंटेड वर्कफोर्स, रिसर्च क्षमताएं और इनोवेशन स्पिरिट भारत को एयरोस्पेस सेक्टर में वैश्विक हब बना सकती हैं। कंपनी के अनुसार, भारत में सोर्सिंग, इंजीनियरिंग, इनोवेशन, ट्रेनिंग और मेंटेनेंस से जुड़ा मजबूत इकोसिस्टम मौजूद है।

एयरबस और महिंद्रा का सहयोग हाल ही में एयरबस हेलीकॉप्टर्स ने अगस्त में अपने एच125 हेलीकॉप्टर के फ्यूजलेज निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट महिंद्रा एरोस्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को दिया। यह समझौता भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल को भी मजबूत करता है।

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सुनील शर्मा

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