नई दिल्ली में AITIGA बैठक: भारत-आसियान व्यापार सहयोग को मिला नया आयाम
भारत-आसियान व्यापार सहयोग को मिला नया बल
“नई दिल्ली में आयोजित AITIGA (ASEAN-India Trade in Goods Agreement) की 8वीं संयुक्त समिति की बैठक ने भारत और आसियान देशों के व्यापारिक संबंधों को नई मजबूती दी है। यह बैठक 7 अप्रैल से शुरू होकर 12 अप्रैल को सम्पन्न हुई, जिसमें व्यापार सहयोग, कस्टम प्रक्रियाओं, बाजार पहुंच, आर्थिक-तकनीकी सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई।“
AITIGA बैठक: व्यापार समझौते की समीक्षा का उद्देश्य
भारत-आसियान व्यापार समझौते की समीक्षा का प्रमुख उद्देश्य इसे अधिक आधुनिक, सरल, और उपयोगकर्ता अनुकूल बनाना है। इसके तहत ऐसी नीतियां तैयार की जा रही हैं, जो व्यापार को प्रोत्साहन दें और दोनों क्षेत्रों के उद्यमियों को लाभ पहुंचाएं।
बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व वाणिज्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने किया, जबकि आसियान पक्ष की सह-अध्यक्षता मलेशिया के निवेश, व्यापार और उद्योग मंत्रालय की वरिष्ठ निदेशक सुगुमारी एस. शनमुगम ने की।
व्यापार सहयोग पर चर्चा करने वाली उप-समितियों की भूमिका
बैठक के दौरान आठ में से पाँच उप-समितियों की बैठकें भी हुईं। इनमें निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्र शामिल रहे:
- कस्टम प्रक्रियाएं और व्यापार सुविधा
- आर्थिक और तकनीकी सहयोग
- राष्ट्रीय व्यवहार और बाजार पहुंच
- स्वच्छता और पादप स्वच्छता उपाय
- रूल्स ऑफ ओरिजिन (उत्पत्ति के नियम)
इन समितियों की बैठकें नई दिल्ली और जकार्ता में आयोजित की गईं। इनका उद्देश्य था — समझौते की समीक्षा, टेक्स्ट ड्राफ्टिंग और शुल्क पर बातचीत की तैयारी को आगे बढ़ाना।
भारत और आसियान: एक मजबूत व्यापारिक साझेदारी
भारत और आसियान (ASEAN) के बीच व्यापारिक संबंध तेजी से मजबूत हो रहे हैं। भारत के कुल वैश्विक व्यापार का लगभग 11% हिस्सा आसियान देशों से होता है। वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 121 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो इस साझेदारी की ताकत को दर्शाता है।
AITIGA समझौते की समीक्षा क्यों है जरूरी ?
इस समझौते को वर्ष 2009 में लागू किया गया था, और अब लगभग 15 वर्षों बाद इसे बदलते वैश्विक व्यापार माहौल के अनुरूप ढालने की जरूरत है।
- डिजिटल व्यापार और ई-कॉमर्स जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं हैं
- भारत को अपने MSME क्षेत्र को वैश्विक बाजारों तक पहुंच दिलानी है
- व्यापार प्रक्रियाओं को आसान बनाकर निर्यात बढ़ाने का लक्ष्य है
व्यापारियों और उद्योगों को होंगे ये लाभ
- कम शुल्क दरें: शुल्क में कमी से उत्पाद सस्ते होंगे और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी
- तेज कस्टम प्रक्रिया: उत्पादों की तेज़ डिलीवरी और कम लेन-देन समय
- नवाचार और तकनीकी सहयोग: भारत और आसियान में तकनीकी आदान-प्रदान संभव होगा
- नए बाजारों की पहुंच: भारतीय व्यापारियों को वियतनाम, फिलीपींस, थाईलैंड जैसे नए बाजार मिलेंगे
अगली बैठक मलेशिया में: जून 2025
भारत और आसियान ने सहमति जताई है कि AITIGA की अगली बैठक जून 2025 में कुआलालंपुर, मलेशिया में आयोजित होगी। इस बैठक में अभी तक की प्रगति की समीक्षा की जाएगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी।
व्यापार सहयोग को और कैसे बढ़ाया जाए ?
नीचे कुछ कदम दिए गए हैं जिन्हें अपनाकर भारत-आसियान व्यापार को और मज़बूती दी जा सकती है:
- डिजिटल ट्रेड इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण
- साझा ट्रेड पोर्टल का विकास
- आर्थिक सहयोग के लिए स्पेशल फंड
- स्टार्टअप और इनोवेशन पर संयुक्त प्रयास
निरंतर विकास की दिशा में कदम
नई दिल्ली में आयोजित AITIGA की 8वीं बैठक भारत और आसियान देशों के बीच गहरे होते व्यापारिक रिश्तों का प्रमाण है। इस प्रकार की बैठकें न सिर्फ आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करती हैं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक व्यापार में भारत की भूमिका को भी और अधिक मजबूत करती हैं।