अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी की बंपर खरीदारी, 16,000 करोड़ रुपए की बिक्री का अनुमान
“अक्षय तृतीया पर सोना और चांदी की बिक्री भारतीय संस्कृति में शुभ मानी जाती है। इस दिन को खरीदारी के लिए सबसे पवित्र अवसरों में से एक माना जाता है। हर साल इस अवसर पर लोग बड़े पैमाने पर आभूषण, सिक्के और कीमती धातुओं की खरीद करते हैं।”
इस वर्ष भी, व्यापार विशेषज्ञों और ज्वेलर्स एसोसिएशनों का अनुमान है कि अक्षय तृतीया 2025 पर लगभग 12,000 करोड़ रुपए का सोना और 4,000 करोड़ रुपए की चांदी की बिक्री होगी।
🔷 सोने और चांदी की बिक्री बढ़ने के कारण
- त्योहारी महत्व:
अक्षय तृतीया को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। यह विश्वास है कि इस दिन की गई खरीदारी से समृद्धि और सुख-शांति आती है। - सोने-चांदी की कीमत में स्थिरता:
इस बार कीमतें स्थिर रही हैं, जिससे आम उपभोक्ता भी निवेश के लिए आगे आया है। - डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का योगदान:
कई लोग अब ऑनलाइन भी सोने और चांदी की खरीद कर रहे हैं, जिससे रिटेल बिक्री में इज़ाफा हुआ है।
🔷 आभूषण कारोबारियों की राय
दिल्ली, मुंबई, सूरत, जयपुर और कोलकाता जैसे शहरों के ज्वेलर्स का कहना है कि इस साल दुकानों में ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गई। ग्राहक परंपरागत गहनों के साथ-साथ हल्के, डिज़ाइनर और डिजिटल गोल्ड की भी खरीद कर रहे हैं।
अक्षय तृतीया पर सोना और चांदी की बिक्री को लेकर ज्वेलर्स ने बताया कि इस बार की बिक्री पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर रही है।
🔷 ग्रामीण और शहरी बाजारों का योगदान
ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस पर्व का खास महत्व है। किसान और छोटे व्यापारी इस दिन को निवेश के लिए शुभ मानते हैं। वहीं, शहरी क्षेत्रों में नई जेनरेशन डिजिटल गोल्ड और कॉइन की ओर झुकी है।
🔷 ई-कॉमर्स और डिजिटल गोल्ड का ट्रेंड
आज के समय में डिजिटल गोल्ड और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स ने भी बिक्री को बढ़ावा दिया है। टाटा न्यू, पेटीएम गोल्ड, फोनपे जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लोगों ने बड़ी संख्या में सोना और चांदी खरीदा है।
🔷 उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
- अखिल भारतीय रत्न और आभूषण घरेलू परिषद (GJC) ने बताया कि अक्षय तृतीया 2025 पर पिछले साल की तुलना में 20% ज्यादा बिक्री हुई है।
- जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) के अनुसार, यह रुझान विदेशी बाजार में निर्यात के लिए भी अनुकूल संकेत है।
🔷 निवेश के नजरिए से सोना और चांदी
भारतीय घरों में सोने को न केवल आभूषण के रूप में, बल्कि निवेश के रूप में भी देखा जाता है। इसी कारण, हर साल अक्षय तृतीया जैसे पर्वों पर इसकी मांग बढ़ जाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि में सोने और चांदी का निवेश महंगाई और मुद्रा अवमूल्यन से बचाव प्रदान करता है।
🔷 उपभोक्ताओं का अनुभव
ग्राहकों का कहना है कि इस बार ज्वेलर्स ने कई ऑफर्स दिए थे जैसे – मेकिंग चार्ज में छूट, जीएसटी पर कैशबैक, और EMI विकल्प। इससे खरीदारी को और आसान बनाया गया।