सहकारी संस्थाओं की प्रगति पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने की विस्तृत समीक्षा
"नई दिल्ली: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में सहकारी संस्थाओं की प्रगति की समीक्षा की। इस बैठक में नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL), नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSCL) की कार्यप्रणाली और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।"
सहकारी निर्यात को ₹2 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य
बैठक में अमित शाह ने NCEL को 2 लाख करोड़ रुपये के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे तीन प्रमुख उत्पादों की पहचान की जाए जिनका भारत से अभी तक निर्यात नहीं हो रहा है, लेकिन जिनमें वैश्विक मांग मौजूद है।
वैश्विक बाजारों में संभावनाएं
अमित शाह ने खास तौर पर त्रिपुरा का सुगंधित चावल, जैविक कपास और मोटे अनाज को चिन्हित करने को कहा। उन्होंने खाड़ी देशों में ताज़ी सब्जियों और विशेष किस्म के आलू के निर्यात के लिए भागीदारी पर ज़ोर दिया।
एनसीईएल की रणनीति: सहकारी समितियों के लिए लाभकारी व्यापार मॉडल
मंत्री शाह ने यह भी कहा कि सभी सहकारी संस्थाओं के निर्यात को NCEL के माध्यम से संचालित किया जाए ताकि ₹20,000 से ₹30,000 करोड़ का शुद्ध लाभ सीधे सहकारी समितियों को मिल सके। इसके अलावा, उन्होंने अफ्रीका और म्यांमार में दलहन आयात के लिए NCEL के कार्यालय खोलने और एक समर्पित वेबसाइट विकसित करने की बात कही।
जैविक उत्पादों के लिए भारत ऑर्गेनिक्स ब्रांड की मजबूती
NCOL की समीक्षा के दौरान अमित शाह ने बताया कि इसके तहत ‘भारत ऑर्गेनिक्स’ नामक ब्रांड के 22 उत्पाद वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर में उपलब्ध हैं, जिन्हें जल्द ही देश के प्रमुख शहरों में भी लॉन्च किया जाएगा।
प्रमुख ब्रांड्स से जुड़ाव
भारत ऑर्गेनिक्स के उत्पादों की आपूर्ति अमूल, बिगबास्केट जैसे ब्रांडों को की जा रही है। जल्द ही रिलायंस स्टोर्स पर भी ये उत्पाद उपलब्ध होंगे।

जैविक उत्पादों की प्रमाणिकता को पारदर्शिता के साथ प्रस्तुत करना
हर जैविक उत्पाद पर कीटनाशक अवशेष जांच रिपोर्ट एक QR कोड के माध्यम से उपभोक्ताओं को प्रदान की जा रही है। यह पहल भारतीय जैविक उत्पाद बाजार में विश्वास और पारदर्शिता की दिशा में एक नया मानक स्थापित कर रही है।
एनसीओएल का लक्ष्य: 2025-26 में ₹300 करोड़ कारोबार
2025-26 तक ₹300 करोड़ से अधिक के टर्नओवर का लक्ष्य रखा गया है। वित्तीय वर्ष के पहले वाणिज्यिक संचालन वर्ष में ही 7000 से अधिक सहकारी संस्थाएं NCOL की सदस्य बन चुकी हैं। अब तक 1200 मीट्रिक टन से अधिक जैविक सामग्री का लेन-देन हुआ है।
बीज उत्पादन और अनुसंधान में BBSCL की नई पहलें
बैठक में भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSCL) की भूमिका को लेकर विशेष ध्यान दिया गया। अमित शाह ने बीज अनुसंधान केंद्र की स्थापना को भारत के बीज पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अहम बताया।
उच्च गुणवत्ता वाले बीज और नई किस्मों का विकास
गुजरात के कलोल में स्थापित बीज अनुसंधान केंद्र अरहर, उड़द, मक्का जैसे फसलों की अधिक उपज और कम परिपक्वता अवधि वाली किस्मों पर काम करेगा। मंत्री ने उच्च चीनी मात्रा और कम जल आवश्यकताओं वाली गन्ना किस्मों पर भी अनुसंधान को तेज करने का निर्देश दिया।
आलू और चारा फसल के लिए विशेष बीज उत्पादन कार्यक्रम
प्रोसेसिंग किस्मों के लिए बीज उत्पादन, खासकर फ्रेंच फ्राइज में प्रयुक्त विशेष आलू किस्मों के लिए बीज विकसित करने पर बल दिया गया है। इसके साथ ही, एनडीडीबी और अमूल के नेटवर्क के माध्यम से लचका चारा फसल के बीज वितरण की भी योजना बनाई जा रही है।
सहकारी विकास को नई दिशा देने वाली पहल
समीक्षा बैठक के दौरान अमित शाह ने कहा कि इन संस्थाओं का उद्देश्य केवल व्यावसायिक लाभ नहीं, बल्कि किसानों, उत्पादकों और उपभोक्ताओं को जोड़ने वाली एक पारदर्शी व्यवस्था तैयार करना है। उन्होंने राज्य स्तरीय जैविक किसान समूहों के निर्माण और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत करने पर जोर दिया।
