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सावित्री ठाकुर का इंदौर दौरा: आंगनवाड़ी महिला सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत कदम

"इंदौर (मध्य प्रदेश), 2025 – भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने इंदौर के सेठी नगर आंगनवाड़ी केंद्र का दौरा कर आंगनवाड़ी सेवाओं के परिवर्तन और महिला-बाल कल्याण योजनाओं की जमीनी समीक्षा की।"

आंगनवाड़ी केंद्र: पोषण और विकास का नया आधार

श्रीमती ठाकुर ने कहा कि आंगनवाड़ी अब केवल पोषण केंद्र नहीं रहे, बल्कि वे प्रारंभिक बाल देखभाल, शिक्षा और स्वास्थ्य का एक जीवंत प्लेटफॉर्म बन चुके हैं। उन्होंने पोषण ट्रैकर जैसे डिजिटल उपकरणों, बुनियादी ढांचे में सुधार और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण की प्रशंसा करते हुए बताया कि इन सुधारों ने सेवा वितरण को और अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाया है।


पिछले 11 वर्षों की परिवर्तनकारी योजनाएं

उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से अब तक के कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि यह नारी शक्ति के नेतृत्व वाला दशक रहा है, जिसने एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी है

महिला और बाल कल्याण की प्रमुख योजनाएं:

1. पोषण और स्वास्थ्य
  • पोषण अभियान / पोषण 2.0: कुपोषण, एनीमिया और बौनेपन को कम करने हेतु समुदाय आधारित पहल।
  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना: गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नकद सहायता।
  • मिशन इंद्रधनुष: बच्चों और महिलाओं का पूर्ण टीकाकरण।
  • एनीमिया मुक्त भारत: आयरन सप्लीमेंट और कृमि मुक्ति पर विशेष बल।
2. शिक्षा और सशक्तिकरण
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ: बालिकाओं की शिक्षा और अधिकार सुनिश्चित करना।
  • सुकन्या समृद्धि योजना: उच्च ब्याज दर और टैक्स छूट वाली बचत योजना।
  • डिजिटल साक्षरता अभियान: ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को डिजिटल रूप से सक्षम बनाना।
  • स्किल इंडिया मिशन: युवतियों और महिलाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम।
  • उज्ज्वला योजना: मुफ्त गैस कनेक्शन से स्वास्थ्य और समय की बचत।
  • पीएम आवास योजना: महिलाओं के नाम पर संपत्ति पंजीकरण।
3. सुरक्षा और अधिकार
  • वन स्टॉप सेंटर (सखी केंद्र): हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए संपूर्ण सहायता।
  • 181 महिला हेल्पलाइन: संकट की स्थिति में 24×7 सहायता।
  • शी-बॉक्स: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत का ऑनलाइन पोर्टल।
  • चाइल्डलाइन 1098: बच्चों के लिए आपातकालीन सेवा।
  • ट्रिपल तलाक कानून: मुस्लिम महिलाओं के लिए कानूनी सुरक्षा।
  • पॉक्सो एक्ट और किशोर न्याय अधिनियम में संशोधन: बाल यौन अपराधों के खिलाफ कठोर कानून।
4. वित्तीय समावेशन
  • जन धन योजना: महिलाओं को बैंकिंग और DBT की सीधी पहुंच।
  • स्टैंड अप इंडिया: महिला उद्यमियों को बिजनेस ऋण।
  • मुद्रा योजना: सूक्ष्म उद्यमों को आर्थिक सहायता।

सामुदायिक सहभागिता और फील्ड संवाद

श्रीमती ठाकुर ने लाभार्थियों, माताओं और बच्चों से बातचीत की और उनके अनुभवों से यह जाना कि सरकार की योजनाएं वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि "आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हमारी फ्रंटलाइन हीरो हैं, जिनके समर्पण से नारी और बाल कल्याण का सपना साकार हो रहा है।"


आंगनवाड़ी: सामाजिक न्याय का वाहक

उन्होंने जोर देकर कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र सामाजिक न्याय के प्रमुख साधन हैं। ये केंद्र भारत को कुपोषण मुक्त और बालिकाओं के लिए सुरक्षित समाज बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

"आंगनवाड़ी महिला सशक्तिकरण की सबसे बड़ी मिसाल बन चुके हैं। डिजिटल नवाचार, योजना कार्यान्वयन की गहराई और महिला केंद्रित नीतियों के साथ भारत सरकार ने जननी से जननीति तक का मजबूत तंत्र खड़ा किया है।"

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