कनाडा की विदेश मंत्री बनीं अनीता आनंद, भारत-कनाडा संबंधों को सुधारने की बड़ी जिम्मेदारी
"कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अनीता आनंद को कनाडा की नई विदेश मंत्री नियुक्त किया है। अनीता की मुख्य जिम्मेदारी होगी भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों को फिर से मजबूत बनाना और अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों को सुदृढ़ करना।
कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद पहले परिवहन और रक्षा मंत्रालय में अपनी दक्षता दिखा चुकी हैं, और अब उन्हें देश के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बेहतर करने का दायित्व सौंपा गया है।"
अनीता आनंद की नई भूमिका और प्राथमिकताएं
नवनियुक्त विदेश मंत्री के रूप में अनीता आनंद के सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत-कनाडा संबंधों में आई दरार को भरना है। प्रधानमंत्री कार्नी ने अनीता को स्पष्ट निर्देश दिया है कि उन्हें भारत के साथ "लगभग टूट चुके" संबंधों को बहाल करना होगा। इसके अलावा, उन्हें अमेरिका के साथ सहयोग को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाना होगा।
भारत-कनाडा संबंधों में तनाव का इतिहास
भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव का लंबा इतिहास रहा है, जो विशेष रूप से पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में और बढ़ गया।
ट्रूडो के दौरान खालिस्तान समर्थकों के प्रति नरमी दिखाने की वजह से भारत-कनाडा के रिश्तों में गहरी दरार आ गई थी। वर्ष 2015 के बाद से दोनों देशों के बीच विश्वास में लगातार गिरावट देखी गई। इसी पृष्ठभूमि में अनीता आनंद के सामने संबंधों को सुधारने का कठिन कार्य है।
अनीता आनंद के राजनीतिक सफर पर एक नजर
अनीता आनंद ने कनाडा की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान बनाया है।
वह पहले रक्षा मंत्री और परिवहन मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुकी हैं।
जनवरी में उन्होंने राजनीति छोड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन बाद में चुनाव जीतने के बाद पीएम कार्नी ने उन्हें फिर से सरकार में शामिल किया।
उनकी काबिलियत और नेतृत्व कौशल के कारण अब उन्हें विदेश मामलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

कनाडा की नई सरकार में बड़े बदलाव
प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने पूर्व प्रधानमंत्री ट्रूडो की कैबिनेट से कई बड़े बदलाव किए हैं।
जहां ट्रूडो की कैबिनेट में 39 मंत्री थे, वहीं कार्नी ने 28 मंत्रियों के छोटे और चुस्त मंत्रिमंडल का गठन किया है।
कार्नी ने सभी मंत्रियों को स्पष्ट फोकस और निर्णायक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
भारतीय मूल के नेताओं की नई भूमिका
कनाडा की नई कैबिनेट में भारतीय मूल के नेताओं की संख्या कम हो गई है।
मनिंदर सिद्धू को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री बनाया गया है।रूबी सहोता को राज्य सचिव नियुक्त किया गया है, जिन्हें अपराध से निपटने की जिम्मेदारी दी गई है।रणदीप सराय को अंतर्राष्ट्रीय विकास राज्य सचिव बनाया गया है।
यह भी गौरतलब है कि हरजीत सिंह सज्जन, जो पहले रक्षा मंत्री थे, अब राजनीति में सक्रिय नहीं हैं।
मेलानी जोली से विदेश मंत्रालय का प्रभार हटाया गया
मेलानी जोली, जो पहले विदेश मंत्री थीं, अब परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्रालय में भेजी गई हैं।
उनके कार्यकाल के दौरान भारत-कनाडा संबंधों में काफी तनाव आया था, विशेष रूप से जब कनाडा ने भारतीय राजनयिकों को निष्कासित किया था।
अब अनीता आनंद के पास इस रिश्ते को फिर से पटरी पर लाने का अवसर और चुनौती दोनों है।
अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों की जिम्मेदारी
अमेरिका और कनाडा के व्यापारिक रिश्ते भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा हैं।
डोमिनिक लेब्लांक को अमेरिका-कनाडा व्यापार संबंधों का मंत्री नियुक्त किया गया है।
यह नियुक्ति अमेरिका के साथ टैरिफ विवादों को हल करने और व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
अनीता आनंद की रणनीति क्या हो सकती है?
कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद के लिए आवश्यक होगा कि वे भारत के साथ संवाद की नई राह खोलें।
भारत में आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को लेकर भारत की चिंताओं को दूर करने का प्रयास करना होगा।अमेरिका के साथ साझेदारी को भी बढ़ाना होगा, खासकर व्यापार, रक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में।
