नई उड़ान की ओर: भारत में एविएशन सेक्टर में 96,000 करोड़ का ऐतिहासिक निवेश
एविएशन सेक्टर को मिला बड़ा निवेश, भारत के हवाई अड्डों की नई तस्वीर
“भारत में एविएशन सेक्टर तेजी से विस्तार की ओर बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर 2024-25 तक भारत में हवाई अड्डों के विकास और आधुनिकीकरण के लिए कुल ₹96,000 करोड़ से अधिक का पूंजीगत निवेश किया गया है। इस निवेश का उद्देश्य बढ़ते हवाई यातायात की मांग के साथ कदम मिलाना और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है।”
AAI और निजी निवेशकों का संयुक्त प्रयास
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और निजी एयरपोर्ट ऑपरेटर्स ने मिलकर इस निवेश को अंजाम दिया है। इसमें से AAI का योगदान ₹25,000 करोड़ से थोड़ा अधिक रहा है। वहीं शेष निवेश निजी क्षेत्र के डेवलपर्स द्वारा किया गया है, जिन्होंने अपने स्वयं के स्रोतों से पूंजीगत व्यय किया है।
RCS-उड़ान योजना में भी बड़ा फोकस
इस निवेश में ‘उड़े देश का आम नागरिक (RCS-UDAN)’ योजना को भी प्राथमिकता दी गई है। AAI ने ₹4,500 करोड़ की राशि का उपयोग ऐसे हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट्स और जल हवाई अड्डों के पुनरुद्धार और अपग्रेड के लिए किया है, जो लंबे समय से बंद थे या कम सेवा में थे।
दूसरे चरण में, यानी 2023-24 से 2025-26 के दौरान अतिरिक्त ₹1,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जिससे और अधिक क्षेत्रीय हवाई अड्डों को सेवा में लाया जा सके।
हर साल बढ़ता पूंजीगत व्यय
इस योजना के अंतर्गत हर वर्ष निवेश में बढ़ोतरी हुई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार एविएशन सेक्टर को लेकर कितनी गंभीर है।
वित्त वर्षवार पूंजीगत व्यय इस प्रकार रहा:
- 2020-21: ₹11,742 करोड़
- 2021-22: ₹13,294 करोड़
- 2022-23: ₹17,879 करोड़
- 2023-24: ₹19,260 करोड़
- 2024-25: ₹19,317 करोड़
किन कार्यों में हो रहा है निवेश?
निवेश केवल नए हवाई अड्डों के निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि कई अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में भी हो रहा है:
- मौजूदा टर्मिनलों का विस्तार और मरम्मत
- नई यात्री सुविधाओं की स्थापना
- रनवे और एप्रन का सुदृढ़ीकरण
- कंट्रोल टावर और तकनीकी ब्लॉकों का निर्माण
- एयर नेविगेशन सेवाओं (ANS) का आधुनिकीकरण
कई शहरों में हो रहे बड़े प्रोजेक्ट्स
इस पूंजी निवेश के जरिए देश के कई प्रमुख और क्षेत्रीय हवाई अड्डों में काम किया गया है। कुछ प्रमुख परियोजनाएं निम्नलिखित हैं:
- बड़े शहरों में: दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, लखनऊ, चेन्नई, अहमदाबाद
- नई परियोजनाएं: नोएडा (जेवर), नवी मुंबई, मोपा, भोगपुरम
- उत्तर भारत में: अयोध्या, कुशीनगर, देहरादून, पटना, अमृतसर
- पूर्वोत्तर और अन्य क्षेत्र: अगरतला, इंफाल, लेह, होलोंगी
- दक्षिण और पश्चिम भारत: विजयवाड़ा, तिरुपति, शिवमोग्गा, सूरत, कोल्हापुर
इन शहरों के हवाई अड्डों पर आधुनिकीकरण, टर्मिनल विस्तार और तकनीकी सुधारों पर काम जारी है।
हवाई अड्डा उन्नयन: सतत प्रक्रिया
केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल के अनुसार, हवाई अड्डों का उन्नयन और आधुनिकीकरण एक सतत प्रक्रिया है। यह कार्य भूमि की उपलब्धता, यातायात की मांग, सामाजिक-आर्थिक जरूरतें, और एयरलाइनों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए किया जाता है।
विकास की दिशा में एक ठोस कदम
एविएशन सेक्टर में यह निवेश केवल बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह भारत को वैश्विक एविएशन हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे नए रोजगार के अवसर, प्रादेशिक कनेक्टिविटी में सुधार, और अर्थव्यवस्था में तेजी आने की भी उम्मीद है।
“भारत में एविएशन सेक्टर में हो रहा यह ₹96,000 करोड़ का ऐतिहासिक निवेश न केवल देश की हवाई यात्रा प्रणाली को बेहतर बनाएगा, बल्कि छोटे शहरों को बड़े बाजारों से जोड़ने में भी सहायक होगा। यह पहल भविष्य में भारत को एक विश्व स्तरीय एयर ट्रांसपोर्ट नेटवर्क प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।”
