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Axiom-4 मिशन शुभांशु शुक्ला के साथ 19 जून को लॉन्च होगा, भारत का अंतरिक्ष में एक नया कदम

"भारत के अंतरिक्ष इतिहास में 19 जून 2025 एक और ऐतिहासिक दिन बनने जा रहा है। अमेरिका की निजी अंतरिक्ष कंपनी Axiom Space द्वारा संचालित Axiom-4 मिशन अब 19 जून को लॉन्च होगा, जिसमें भारत के वायुसेना अधिकारी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की ओर रवाना होंगे। यह मिशन भारत के लिए इसलिए खास है क्योंकि यह पहला मौका होगा जब एक पूर्णत: प्रशिक्षित भारतीय अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की यात्रा करेगा।"


कौन हैं शुभांशु शुक्ला?

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जिनकी उम्र 39 वर्ष है, उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जन्मे हैं। उन्होंने 2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया और अब तक वे 2000+ उड़ान घंटे का अनुभव हासिल कर चुके हैं।

उड़ान अनुभव:
  • फाइटर जेट्स: सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर
  • ट्रेनर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट: हॉक, डॉर्नियर, AN-32
  • वायुसेना में टेस्ट पायलट के रूप में विशेष प्रशिक्षण

Axiom-4 मिशन क्या है?

Axiom-4 मिशन अमेरिका की Axiom Space, NASA, ISRO और SpaceX के सहयोग से संचालित हो रहा है। मिशन का उद्देश्य:

  • मानव अंतरिक्ष उड़ान में बहु-राष्ट्रीय भागीदारी
  • ISS पर वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से मानवयुक्त अंतरिक्ष यान अनुभव का विस्तार
विशेष कार्य:

शुभांशु शुक्ला ISS पर भारत-आधारित खाद्य एवं पोषण प्रयोगों का हिस्सा होंगे। वे वहां भारतीय अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा डिजाइन किए गए विशेष मिशन लोड को अंजाम देंगे।


क्यों बार-बार टाली गई थी लॉन्चिंग?

Axiom-4 मिशन की लॉन्चिंग को पहले चार बार स्थगित किया गया था। इसकी प्रमुख वजहें थीं:

  • 11 जून को प्रोपल्शन बे में LOX (Liquid Oxygen) रिसाव
  • ISS के Zvezda मॉड्यूल में तकनीकी गड़बड़ी
  • इसरो, नासा, स्पेसएक्स और एक्सिओम की संयुक्त तकनीकी समीक्षा

विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह का बयान:

"स्पेसएक्स टीम ने पुष्टि की है कि लॉन्च को स्थगित करने वाले सभी मुद्दों को हल कर लिया गया है। अब Axiom-4 मिशन 19 जून को लॉन्च के लिए तैयार है।"


भारत के लिए यह क्यों है ऐतिहासिक?

पहली बार:
  • एक भारतीय वायुसेना अधिकारी को निजी अंतरिक्ष कंपनी के माध्यम से अंतरिक्ष भेजा जा रहा है।
  • गगनयान मिशन से पहले अंतरिक्ष में जाने का अनुभव भारत को मिलेगा।
  • अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की मानवयुक्त अंतरिक्ष क्षमता को मान्यता मिलेगी।

शुभांशु का प्रशिक्षण: तैयारी का सफर

शुभांशु शुक्ला ने इसरो और एएस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग सेंटर (रूस) में कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उनका फिजिकल, साइकोलॉजिकल और सिम्युलेशन-आधारित प्रशिक्षण:

  • माइक्रोग्रैविटी में जीवन
  • कॉकपिट कम्युनिकेशन
  • स्पेस वॉक की स्थितियों का अभ्यास
  • मिशन कंट्रोल से समन्वय

मिशन लॉन्च से जुड़ी जानकारी

  • लॉन्च विंडो: 19 जून 2025 (भारतीय समय अनुसार शाम)
  • लॉन्च स्थान: कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा
  • वाहक यान: SpaceX Falcon 9
  • स्पेसक्राफ्ट: Crew Dragon capsule
  • मिशन अवधि: लगभग 14 दिन (ISS पर)

वैज्ञानिक प्रयोग: भारत का अंतरिक्ष विज्ञान में योगदान

Axiom-4 मिशन के दौरान शुभांशु द्वारा किए जाने वाले प्रयोगों में शामिल हैं:

  • स्पेस फूड का पोषण मूल्य और उपयुक्तता परीक्षण
  • शरीर पर माइक्रोग्रैविटी का प्रभाव
  • भारतीय पारंपरिक भोजन की अनुकूलता
  • मानव मनोविज्ञान पर अंतरिक्ष का प्रभाव

"Axiom-4 मिशन शुभांशु शुक्ला के लिए ही नहीं, बल्कि भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह न केवल भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की नींव को मजबूत करता है, बल्कि विश्व स्तर पर भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी आत्मविश्वास को प्रदर्शित करता है। 19 जून 2025 को शुभांशु की अंतरिक्ष यात्रा हर भारतीय के लिए गर्व, विज्ञान और प्रेरणा का पल होगी।"

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