देशभर में 1.78 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर चालू, जानिए इनका उद्देश्य और सेवाएं
देशभर में 1.78 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर चालू, जानिए इनका उद्देश्य और सेवाएं
“भारत सरकार का आयुष्मान भारत मिशन देश की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। इसके अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) की स्थापना एक ठोस कदम के रूप में देखी जा रही है। 15 जुलाई 2025 तक देशभर में 1,78,154 आयुष्मान आरोग्य मंदिर चालू हो चुके हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।”
क्या हैं आयुष्मान आरोग्य मंदिर?
आयुष्मान आरोग्य मंदिर दरअसल, भारत के उप-स्वास्थ्य केंद्र (
SHC) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (
PHC) को सशक्त बनाकर विकसित की गई स्वास्थ्य इकाइयाँ हैं। इन मंदिरों के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को समुदाय के और अधिक निकट लाया गया है। इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य निवारक, उपचारात्मक, पुनर्वास और स्वास्थ्य संवर्धन सेवाओं को एक ही स्थान पर प्रदान करना है। ये सेवाएं संक्रामक बीमारियों, गैर-संक्रामक रोगों (
NCD), मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य और बुजुर्गों की देखभाल जैसी प्राथमिकताओं पर केंद्रित हैं।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर की प्रमुख सेवाएं
- निःशुल्क परामर्श और चिकित्सा सेवाएं
- प्रजनन और शिशु स्वास्थ्य सेवाएं
- टीकाकरण और पारिवारिक नियोजन
- हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ जैसी एनसीडी स्क्रीनिंग
- मानसिक स्वास्थ्य परामर्श
- पोषण और जीवनशैली संबंधित जागरूकता
फिटनेस और स्वास्थ्य गतिविधियाँ
स्वास्थ्य को केवल बीमारियों के इलाज तक सीमित न रखते हुए
AAM में योग, ध्यान, साइक्लिंग, समूह चर्चा, व्यायाम सत्र जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
30 जून
2025 तक इन केंद्रों में
5.73 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य सत्र आयोजित हो चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह मिशन व्यवहारिक बदलाव की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
एफडीएसआई (Free Diagnostics Service Initiative) का योगदान
2015 में शुरू किया गया निःशुल्क जांच सेवा पहल (
FDSI) भी
AAM का अहम भाग है। इसका उद्देश्य है कि सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर लोगों को आवश्यक डायग्नोस्टिक और रेडियोलॉजिकल जांचें निःशुल्क मिल सकें।
- उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर 14 प्रकार की जांचें
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 63 प्रकार की जांचें
इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब और पिछड़े वर्गों को न केवल बीमारी की पहचान में सुविधा होती है, बल्कि समय रहते इलाज भी शुरू हो पाता है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM): डिजिटल स्वास्थ्य की दिशा में कदम
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (
ABDM) देश में एक एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म विकसित कर रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य हर नागरिक के लिए इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड (
EHR) को सुरक्षित और सुलभ बनाना है।
अब तक:
- 79.75 करोड़ ABHA (आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट) ID बनाए जा चुके हैं।
- 65.34 करोड़ EHR इन ID से लिंक किए जा चुके हैं।
इससे मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री डिजिटल फॉर्मेट में कहीं भी, कभी भी देखी जा सकती है। इससे न केवल इलाज की प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि गलत जांचों और दवाओं से भी बचा जा सकेगा।
स्थापना लागत और बजट
एक आयुष्मान आरोग्य मंदिर की स्थापना और देखभाल की अनुमानित लागत लगभग ₹
17.03 लाख है। इसमें एकमुश्त खर्च और एक वर्ष की पुनरावृत्त लागत शामिल है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (
NHM) के अंतर्गत यह लागत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कार्यक्रम कार्यान्वयन योजना (
PIP) के आधार पर रिकॉर्ड ऑफ प्रोसीडिंग (
ROP) में अनुमोदित होती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की भूमिका
NHM भारत सरकार का प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम है, जिसके अंतर्गत
AAM और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाया जा रहा है।
NHM के जरिये:
- स्वास्थ्य सेवा का विकेंद्रीकरण
- स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार सेवा वितरण
- कमजोर वर्गों की प्राथमिकता
- स्वास्थ्य से जुड़े कर्मचारियों का प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग सुनिश्चित किया गया है।
नागरिकों को कैसे होगा लाभ?
- गांव के पास ही बेहतर इलाज मिलेगा
- डिजिटल रिकॉर्ड से बार-बार रिपोर्ट नहीं करवानी होगी
- मुफ्त जांच और दवा मिलेगी
- स्वास्थ्य जागरूकता और जीवनशैली सुधार के कार्यक्रम
- प्राथमिक स्तर पर गंभीर बीमारियों की पहचान संभव होगी
“आयुष्मान आरोग्य मंदिर भारत सरकार की एक दूरदर्शी योजना है, जो सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक और व्यवहारिक बदलाव लाने की दिशा में एक ठोस कदम है। इन मंदिरों के माध्यम से गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच रही हैं, जो अंततः देश को स्वस्थ भारत की ओर ले जा रही हैं।”