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दिल्ली-एनसीआर में खराब हवा: स्वास्थ्य के लिए बढ़ता खतरा

“दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण लगातार गंभीर स्थिति में बना हुआ है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के अनुसार, क्षेत्र की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई है। इस प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने लगी हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति चिंताजनक है।”

वायु गुणवत्ता का मौजूदा हाल

दिल्ली और आसपास के इलाकों में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर खतरनाक सीमा तक पहुंच चुका है। ज्यादातर इलाकों में AQI 300 के ऊपर बना हुआ है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।

प्रदूषण के कारण

  1. वाहनों का धुआं: वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण वायु गुणवत्ता को सबसे अधिक प्रभावित कर रहा है।
  2. निर्माण गतिविधियां: निर्माण स्थलों से उठने वाली धूल भी प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रही है।
  3. पराली जलाना: पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं ने दिल्ली की हवा को और जहरीला बना दिया है।
  4. ठंड का मौसम: ठंड के कारण हवा में प्रदूषकों का जमाव तेजी से बढ़ता है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

प्रदूषित हवा के कारण सांस संबंधी बीमारियों, एलर्जी, और अस्थमा जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति अधिक खतरनाक है।

विशेषज्ञों की सलाह

  • घर के अंदर रहें: अत्यधिक प्रदूषण के समय बाहर निकलने से बचें।
  • मास्क का इस्तेमाल करें: बाहर जाते समय मास्क पहनें, खासकर एन-95 मास्क का उपयोग करें।
  • स्वस्थ आहार लें: फलों और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं, ताकि इम्यूनिटी मजबूत हो।
  • एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें: घर के अंदर वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।

सरकार के प्रयास

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि निर्माण कार्यों पर रोक, पानी का छिड़काव, और ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का सख्ती से पालन। इसके अलावा, पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है। इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार और नागरिकों को मिलकर काम करना होगा। स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सावधानी बरतना और प्रदूषण को कम करने के उपाय अपनाना समय की जरूरत है।

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