बांग्लादेश में मानवाधिकार उल्लंघन और बढ़ती हत्याओं की समस्या
“बांग्लादेश में मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएं सतत बढ़ती जा रही हैं। खासतौर पर पिछले कुछ वर्षों में हत्याएं, हिरासत में मौतें और सुरक्षा तंत्र के अत्याचारों की घटनाएं बढ़ी हैं। यह समस्या बहुत भयंकर है क्योंकि यह समस्या बांग्लादेश के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है। पिछले कुछ वर्षों से, ये घटनाएं न केवल बांग्लादेश की न्याय प्रणाली को चुनौती प्रदान कर रही हैं, बल्कि देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को भी सवालों के घेरे में रख दिया है।”
बांग्लादेश में पिछले कुछ वर्षों में बढ़ते मानवाधिकार हिंसा ने स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर चिंता बढ़ाई है। यह विशेषकर
2024 और
2025 के दौरान, यूनुस सरकार के शासनकाल के दौरान हुई हत्याओं और हिरासत में लोगों की मौतों के मामलों में तेज़ी देखने को मिली है। एक अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने अपनी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि बांग्लादेश में आतिरंजों की ऐसी घटनाओं का आंकड़ा बढ़ गया है, जहां सुरक्षा बलों और पुलिस ने अत्याचार किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में पिछले एक साल में
60 से अधिक घटनाएं हुईं, जिनमें 70 लोगों की जान गई। इनमें से अधिकांश घटनाएं पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों द्वारा की गई थीं। हिरासत में हुई मौतों के मामले बढ़े हैं, जिनमें से अधिकांश मौतें उन लोगों की हैं, जिन्हें किसी न किसी कारण से गिरफ्तार किया गया था।
वृद्धि हुई अत्याचार और उत्पीड़न के मामले बांग्लादेश सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों पर किए गए होने की सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस और रैपिड एक्शन बटालियन
(RAB) के जैसे सुरक्षा बलों द्वारा विरोध प्रदर्शनों के दौरान नागरिकों पर गोलीबारी की गई। इन घटनाओं में दोषमुक्त लोग मारे गए। बांग्लादेश में यह घटनाएं केवल कानून व्यवस्था की विफलता को ही नहीं उजागर करतीं, बल्कि राजनीतिक असहमति और विरोध को दबाने के प्रयासों के रूप में भी देखी जा रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने सुरक्षा बलों का इस्तेमाल अपने विरोधियों को दबाने के लिए किया है। इसके तहत, उन लोगों को निशाना बनाया गया है जो सरकार के खिलाफ बोलते हैं या जो विरोध प्रदर्शन करते हैं। यही नहीं, न्यायपालिका भी इस राजनीतिक दबाव का सामना कर रही है और ऐसे मामलों में सुस्ती दिखाई देती है।
मौतें बांग्लादेश की जेल व्यवस्था के खराब होने का एक उनसुलझा प्रमाण भी है। बांग्लादेश में जेलों के अंदर भी मौतें हुई हैं। इसके अलावा, रिपोर्टों के अनुसार, प्रताड़ना और अत्याचार के चलते कई लोगों की जान गई है। इन घटनाओं में कुछ को तो चिकित्सा सहायता भी नहीं मिली और वे बिना इलाज के मर गए। ऐसी घटनाएं बांग्लादेश की जेल व्यवस्था की कमजोरियों का प्रमाण हैं और यह भी उन्हें साबित करती हैं कि न्यायिक व्यवस्था में भी कई खामियां हैं।
इसके अलावा, जब परिवार इन घटनाओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें धमकियां मिलती हैं और पुलिस मामले दर्ज करने से इनकार कर देती है। अदालतें भी इन मामलों में देरी करती हैं, जिससे पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाता।
मानवाधिकार समूहों ने बांग्लादेश सरकार से क्राइम जाँच कराने और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की
call की है। उन्होंने यह भी ऐसा सुझाव दिया है कि बांग्लादेश को एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच आयोग बनाना होगा, जिससे इन अत्याचार की सही जाँच हो सके और पीड़ितों को न्याय मिल सके। इसके अलावा, बांग्लादेश में सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को कड़े दिशा-निर्देश दिए जाने होंगे ताकि वे नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करने से बच सकें।
बांग्लादेश में सुधार की तत्काल भूतकालिकता है। सरकार को चाहिए कि वह नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करे और सुरक्षा बलों को इस दिशा में प्रशिक्षित करे। यह भी महत्वपूर्ण है कि नागरिकों को उनकी स्वतंत्रता और सुरक्षा मिले, और कोई भी उन्हें बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के उत्पीड़ित न कर सके। बांग्लादेश को एक ऐसे न्यायिक और प्रशासनिक तंत्र की आवश्यकता है जो सभी नागरिकों को समान अधिकार दे सके और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सके।
विस्थापित होते हिंदू और मुस्लिम और मानवाधिकार उल्लंघन सहित कई जघन्य हत्याओं की घटनाएं बांग्लादेश में एक गंभीर संकट की ओर ले जा रही हैं। इन घटनाओं से नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन शामिल नहीं है, बल्कि बांग्लादेश की न्याय व्यवस्था और कानून व्यवस्था की कमजोरियां भी उजागर की जा रही हैं। बांग्लादेश को इस स्थिति के प्रभाव में न देने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने होंगे और नागरिकों को उनके बुनियादी अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करनी होगी। बस इसी प्रकार बांग्लादेश में स्थिरता और न्याय की स्थिति तैयार की जा सकती है।