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मात्र 20 रुपये में बांग्लादेशी घुसपैठियों को मिल रही थी भारतीय नागरिकता, दिल्ली में जारी हो रहे थे आधार कार्ड और वोटर आईडी

“नई दिल्ली: देश में अवैध घुसपैठ और नागरिकता से जुड़ी एक गंभीर घटना सामने आई है। खबरों के अनुसार, दिल्ली में बांग्लादेशी घुसपैठियों को मात्र 20 रुपये में भारतीय नागरिकता दिलवाने का गोरखधंधा चल रहा था। इन घुसपैठियों को भारतीय पहचान पत्र, जैसे आधार कार्ड और वोटर आईडी, आसानी से बनवाए जा रहे थे। यह मामला इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है और जांच एजेंसियों द्वारा इसकी तहकीकात की जा रही है।”

सूत्रों के मुताबिक, बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारतीय पहचान पत्र देने के लिए एक बड़े नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस नेटवर्क में कुछ भ्रष्ट अधिकारी और एजेंट शामिल थे, जो मात्र 20 रुपये लेकर इन घुसपैठियों को भारतीय नागरिकता के दस्तावेज़ बनवा रहे थे। यह दस्तावेज़ दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में इन लोगों को आसानी से दिए जा रहे थे, जिनमें आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य पहचान पत्र शामिल थे।

इस अवैध गतिविधि के तहत, बांग्लादेशी नागरिकों को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के भारतीय नागरिकता के लिए जरूरी दस्तावेज दिए जा रहे थे। इनमें से कई दस्तावेज़ का इस्तेमाल कर वे सरकारी योजनाओं का फायदा उठा रहे थे और स्थानीय चुनावों में भी भाग ले रहे थे।

यह मामला तब सामने आया जब कुछ नागरिकों ने इस गोरखधंधे के बारे में स्थानीय अधिकारियों को सूचना दी। जांच के दौरान, पुलिस और चुनाव आयोग ने बड़ी संख्या में जाली दस्तावेज़ों को जब्त किया। इन दस्तावेजों में बांग्लादेशी नागरिकों के नाम, जो भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे, पाए गए। अधिकारियों ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को गिरफ्तार किया और जांच शुरू कर दी।

इस मामले में सामने आया कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को जानबूझकर भारतीय नागरिकता के दस्तावेज़ दिए जा रहे थे, जिससे वे भारतीय चुनावों में भाग ले सकें और सरकारी योजनाओं का फायदा उठा सकें। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और चुनाव प्रक्रिया के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहा था।

भारत सरकार ने इस घटना के बाद कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इस अवैध घुसपैठ मामले की जांच तेज कर दी है। गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई है और इस तरह के मामलों को रोकने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

यह घटना यह साबित करती है कि देश में अवैध घुसपैठ और पहचान पत्रों के दुरुपयोग की समस्या कितनी गंभीर हो सकती है। जांच एजेंसियों द्वारा इस पर कड़ी निगरानी और कार्रवाई की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की गतिविधियों को रोका जा सके। नागरिकता और पहचान दस्तावेज़ों का दुरुपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है, और इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

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