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बटला हाउस विध्वंस पर बवाल: AAP विधायक अमानतुल्ला खान पहुंचे दिल्ली हाईकोर्ट

"नई दिल्ली – दक्षिणी दिल्ली के बटला हाउस इलाके में हाल ही में हुए विध्वंस को लेकर राजनीतिक और सामाजिक माहौल गर्मा गया है। आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे हैं, जहां आज इस याचिका पर सुनवाई होने वाली है।"

बटला हाउस विध्वंस: मामला क्या है ?

बटला हाउस दिल्ली का एक घनी आबादी वाला इलाका है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग वर्षों से रह रहे हैं। हाल ही में नगर निगम द्वारा इस क्षेत्र में कुछ निर्माणों को अवैध घोषित कर उन्हें गिरा दिया गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि विध्वंस की कार्रवाई बिना किसी पूर्व सूचना के की गई, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को भारी नुकसान हुआ।

अमानतुल्ला खान की भूमिका

आम आदमी पार्टी से ओखला के विधायक अमानतुल्ला खान शुरू से ही इस विध्वंस के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने इसे "जनविरोधी कदम" करार दिया और कहा कि सरकार का यह रवैया गरीबों को उजाड़ने वाला है।

खान ने कहा:

“यह केवल एक विध्वंस नहीं था, बल्कि कई परिवारों की ज़िंदगी से खिलवाड़ किया गया। हम इसे अदालत में चुनौती देंगे ताकि न्याय मिल सके।”

हाईकोर्ट में याचिका की मुख्य बातें

अमानतुल्ला खान द्वारा दाखिल की गई याचिका में यह मांग की गई है कि:

  • विध्वंस की कानूनी वैधता की जांच हो
  • प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिया जाए
  • आगे किसी भी विध्वंस से पहले कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाए
  • बिना सूचना और जनहित में विचार के कार्रवाई को रोका जाए

दिल्ली हाईकोर्ट में आज सुनवाई

आज दिल्ली हाईकोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई होगी। यह सुनवाई न केवल कानूनी दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और मानवीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। न्यायालय का निर्णय यह तय करेगा कि क्या नगर निगम की कार्रवाई कानूनी दायरे में थी या नहीं।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

बटला हाउस के स्थानीय निवासी इस मुद्दे को लेकर काफी आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें न तो कोई पूर्व सूचना दी गई, न ही किसी वैकल्पिक व्यवस्था की गई। एक स्थानीय निवासी ने बताया:

“हम सालों से यहां रह रहे हैं। अचानक आकर घर गिरा दिए गए, सामान नष्ट हो गया और हमें कोई नहीं सुन रहा।”

राजनीतिक हलचल और बयानबाज़ी

इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार को घेरा है। कांग्रेस और अन्य दलों ने इस विध्वंस को अमानवीय बताया है और पीड़ितों के साथ खड़े होने की बात कही है। वहीं, भाजपा ने कहा कि यह कार्रवाई कोर्ट के आदेशों के मुताबिक की गई थी।

क्या यह विध्वंस सही था? – कानूनी नजरिया

कई विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी निर्माण को अवैध माना जाता है, तब भी विध्वंस के पहले नोटिस देना और पुनर्वास की योजना बनाना अनिवार्य है। दिल्ली में कई बार ऐसे विध्वंस कार्यों पर न्यायालयों ने सख्त रुख अपनाया है।

बटला हाउस और राजनीति

बटला हाउस एक संवेदनशील और राजनीतिक रूप से अहम इलाका है। यहां मुस्लिम आबादी की बड़ी संख्या है, और हर चुनाव में यह इलाका कई दलों के लिए फोकस में रहता है। ऐसे में विध्वंस की यह कार्रवाई चुनावी माहौल को भी प्रभावित कर सकती है।

क्या आगे और कार्रवाई हो सकती है?

नगर निगम के सूत्रों के अनुसार, बटला हाउस ही नहीं, बल्कि अन्य इलाकों में भी अवैध निर्माण पर कार्रवाई की योजना है। हालांकि, इस विवाद के बाद अधिकारियों ने फिलहाल रुख नरम कर लिया है।

समस्या का समाधान क्या हो सकता है?

विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि ऐसे मामलों में सरकार को संवाद और पुनर्वास की नीति अपनानी चाहिए। गरीबों और मध्यवर्गीय लोगों को सड़कों पर छोड़ना न केवल असंवेदनशील है, बल्कि शहरी नीति के मूल सिद्धांतों के खिलाफ भी है।

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