भारत की आतंकवाद पर नीति: मलेशिया में भारतीय सांसदों का कड़ा संदेश
"एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया का दौरा कर वहां के शीर्ष राजनीतिक नेताओं और थिंक टैंकों से बातचीत के दौरान भारत की आतंकवाद पर नीति को मजबूती से प्रस्तुत किया। इस दौरे का नेतृत्व जनता दल यूनाइटेड के कार्यकारी अध्यक्ष एवं सांसद संजय कुमार झा ने किया। प्रतिनिधिमंडल ने भारत के जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण को मलेशियाई नेताओं के समक्ष स्पष्ट किया।"
भारत की जीरो टॉलरेंस नीति पर विस्तार
भारत ने हमेशा आतंकवाद के किसी भी स्वरूप और उसके समर्थन के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाया है। प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया में हुए संवादों के दौरान इसे दोहराया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत केवल अपनी सीमाओं के भीतर ही नहीं, बल्कि सीमा पार आतंकवाद के विरुद्ध भी पूरी ताकत से कार्य कर रहा है।
प्रमुख बैठकों में क्या हुआ?
प्रतिनिधिमंडल ने कुआलालंपुर में कई मलेशियाई राजनीतिक दलों और थिंक टैंकों से मुलाकात की। खासकर पीपुल्स जस्टिस पार्टी (PKR) के नेता सिम त्से त्सिन के साथ हुई बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की चर्चा हुई। इस अभियान के माध्यम से भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और तेज किया है।
रणनीतिक साझेदार के रूप में मलेशिया की भूमिका
भारत मलेशिया जैसे रणनीतिक साझेदारों के साथ मिलकर आतंकवाद से निपटने की दिशा में कार्य कर रहा है। प्रतिनिधिमंडल की बैठकें इस सहयोग को और प्रगाढ़ करने का संकेत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत इस दिशा में ठोस क़दम उठा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख चेहरे
इस उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े सांसद शामिल थे, जिनमें शामिल हैं:
- भाजपा से अपराजिता सारंगी, बृज लाल, हेमांग जोशी, प्रदान बरुआ
- तृणमूल कांग्रेस से अभिषेक बनर्जी
- CPI(M) से जॉन बरिटास
- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद
- फ्रांस में भारत के पूर्व राजदूत मोहन कुमार
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत की मुहिम
ऑपरेशन सिंदूर भारत की वह रणनीति है जिसके तहत देश ने आतंक के विरुद्ध ठोस कदम उठाए हैं। प्रतिनिधिमंडल ने मलेशियाई नेताओं को इस ऑपरेशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी और बताया कि भारत इस मुद्दे पर कितना गंभीर है।
मलेशियाई नेताओं की प्रतिक्रिया
मलेशियाई नेताओं ने भारत के रुख की सराहना की। खासतौर पर थिंक टैंक और राजनीतिक दलों ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा साझा की गई जानकारियों को महत्वपूर्ण बताया। यह संवाद दोनों देशों के आपसी विश्वास को मजबूत करने की दिशा में एक प्रभावी पहल माना जा रहा है।
भारत-मलेशिया सहयोग: एक नई दिशा
प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा मलेशिया से पहले जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया में भी हो चुकी थी। यह यात्रा भारत की ईस्ट एशिया नीति और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन को मजबूत करने की दिशा में एक रणनीतिक प्रयास है।
"भारत की आतंकवाद पर नीति अब वैश्विक स्तर पर स्पष्ट रूप से गूंज रही है। मलेशिया जैसे देशों में जाकर भारत अपने रुख को मजबूती से प्रस्तुत कर रहा है और सीमा पार आतंकवाद के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटा रहा है। इस प्रतिनिधिमंडल की यात्रा से यह भी साबित होता है कि भारत इस चुनौती से निपटने में पूरी तरह सजग और एकजुट है।"
