आत्मनिर्भर कृषि की ओर भारत: बीज से बाजार तक किसान केंद्रित बदलाव
"भारत की आत्मनिर्भर कृषि प्रणाली आज वैश्विक स्तर पर एक मिसाल बन रही है। बीते एक दशक में किसानों की आमदनी, कृषि उत्पादकता और तकनीकी पहुंच में भारी बदलाव देखने को मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने 'बीज से बाजार तक' की नीति अपनाकर किसानों को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त किया है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया है।"
कृषि बजट में 5 गुना वृद्धि – विकास की बुनियाद
भारत की आत्मनिर्भर कृषि
2013-14 में कृषि मंत्रालय का कुल बजट ₹27,663 करोड़ था, जो 2024-25 में बढ़कर ₹1,37,664 करोड़ हो गया है। यह पाँच गुना से अधिक की वृद्धि है। इस निवेश से:
- किसानों को अधिक प्रशिक्षण और संसाधन मिले
- सिंचाई, बीमा, और क्रेडिट कार्ड योजनाओं का विस्तार हुआ
- ग्रामीण क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार आया
खाद्यान्न उत्पादन में रिकॉर्ड सफलता
भारत का खाद्यान्न उत्पादन 2014-15 में 265.05 मिलियन टन था, जो 2024-25 में 347.44 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है। इसमें शामिल हैं:
- धान
- गेहूं
- मोटा अनाज
- दालें
- तिलहन
पोषण और जलवायु के अनुकूल खेती
सरकार अब मोटे अनाज जैसे बाजरा, ज्वार, रागी, और तिलहनों को बढ़ावा दे रही है। यह न केवल जलवायु-संवेदनशील है, बल्कि पोषण की दृष्टि से भी लाभकारी है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और खरीद में सुधार
2014 से 2025 के बीच 14 खरीफ फसलों की सरकारी खरीद 4679 एलएमटी से बढ़कर 7871 एलएमटी हो गई है।
प्रमुख MSP आंकड़े:
- गेहूं: ₹1400 → ₹2425 प्रति क्विंटल
- धान: ₹1310 → ₹2369 प्रति क्विंटल
- तिलहन और दालें: कई गुना MSP वृद्धि
किसान की जेब में सीधा पैसा – PM-KISAN का प्रभाव
अब तक ₹3.7 लाख करोड़ की राशि 11 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में सीधे ट्रांसफर की गई है।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की भूमिका
- 7.71 करोड़ किसानों को KCC मिला
- ₹10 लाख करोड़ तक का ऋण उपलब्ध
- क्रेडिट लिमिट ₹3 लाख से ₹5 लाख की गई
जोखिम प्रबंधन और बीमा कवरेज – सुरक्षित किसान की ओर
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) ने 63 करोड़ से अधिक किसानों को कवर किया है।
बीमा योजना के लाभ
- ₹1.75 लाख करोड़ का दावा भुगतान
- प्राकृतिक आपदाओं में राहत
- बीमा के तहत लगभग हर प्रमुख फसल
सिंचाई और मृदा स्वास्थ्य: दीर्घकालिक लाभ के स्तंभ
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के अंतर्गत ₹93,000 करोड़ का निवेश हुआ है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड
- 1.75 करोड़ से अधिक कार्ड जारी
- 8272 प्रयोगशालाओं को उन्नत किया गया
- वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा
आत्मनिर्भर किसान के लिए तकनीक और प्रशिक्षण
- डिजिटल पोर्टल्स से बाजार तक सीधी पहुँच
- E-NAM से फसल बिक्री में पारदर्शिता
- स्मार्टफोन आधारित मौसम जानकारी और मंडी रेट
- स्टार्टअप्स और एग्री-टेक को बढ़ावा
महिला और छोटे किसान भी केंद्र में
- महिला किसानों के लिए विशेष प्रशिक्षण
- लघु और सीमांत किसानों को प्राथमिकता
- SHG मॉडल के ज़रिए कृषि व्यवसाय
वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की स्थिति
भारत अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने कृषि उत्पादों के लिए जाना जा रहा है। ऑर्गेनिक और मोटे अनाज का निर्यात बढ़ रहा है। "मिलेट्स मिशन" जैसे अभियानों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बनाई है।
बीज से बाजार तक, आत्मनिर्भरता की राह
भारत की आत्मनिर्भर कृषि नीति ने किसानों को आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से मजबूत किया है। बीज से लेकर बाजार तक का यह सफर कृषि को न केवल भविष्य के लिए तैयार कर रहा है, बल्कि ग्रामीण भारत के पुनर्निर्माण की कहानी भी लिख रहा है।
