भारत और मलेशिया के बीच रक्षा सहयोग समिति की बैठक, साइबर सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा पर अहम चर्चा
“ भारत और मलेशिया के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए 13वीं रक्षा सहयोग समिति (DCC) की बैठक कुआलालंपुर में आयोजित की गई। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और मलेशिया के रक्षा मंत्रालय के महासचिव लोकमान हकीम बिन अली ने की।“
बैठक में द्विपक्षीय रक्षा संबंधों, क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई। दोनों देशों ने रक्षा उद्योग, समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए रणनीतिक कदम उठाने पर सहमति जताई।
समुद्री सुरक्षा और रक्षा उद्योग में सहयोग
भारत और मलेशिया के बीच समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए संयुक्त कार्य समूह (Joint Working Group) बनाने पर सहमति बनी। यह समूह गैर-पारंपरिक समुद्री सुरक्षा खतरों जैसे समुद्री आतंकवाद, समुद्री डकैती और अवैध मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों पर नज़र रखेगा।
साइबर सुरक्षा और AI में सहयोग
दोनों पक्षों ने साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में सहयोग बढ़ाने के लिए नए कदमों को पहचाना।
इस सहयोग के तहत साइबर खतरों की निगरानी, डेटा सुरक्षा और रक्षा प्रणालियों में AI के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
रणनीतिक मामलों के कार्य समूह की स्थापना
बैठक में रणनीतिक मामलों के कार्य समूह (Strategic Affairs Working Group) की स्थापना पर सहमति बनी, जो द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और आगे बढ़ाने का कार्य करेगा।
मुख्य बिंदु:
✔ लड़ाकू विमान सुखोई-30 के रखरखाव में सहयोग: भारत और मलेशिया की वायु सेनाएं सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के रखरखाव और सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान में सहयोग करेंगी।
✔ रक्षा उद्योग में सहयोग: भारतीय रक्षा उद्योग की विशेषज्ञता को मलेशियाई कंपनियों और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में सहयोग के लिए प्रस्तुत किया गया।
भारत-मलेशिया रक्षा संबंधों में नई मजबूती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मलेशियाई प्रधानमंत्री दातो सेरी अनवर इब्राहिम के बीच अगस्त 2024 में हुई बैठक में तय रणनीतिक साझेदारी को लागू करने के लिए दोनों देशों ने प्रतिबद्धता जताई।
