अयोध्या में 900 करोड़ की लागत से बनेगा ‘भरत पथ’: धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाला नया विकास प्रोजेक्ट
"अयोध्या, जो राम जन्मभूमि और पवित्र धार्मिक स्थलों के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध है, अब एक और बड़े विकास परियोजना की ओर बढ़ रही है। राम पथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ के बाद अब अयोध्या में ‘भरत पथ’ बनने जा रहा है। इस नए प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब 900 करोड़ रुपये है और यह भरत कुंड से रानोपाली तक फैला होगा। यह मार्ग न केवल अयोध्या के धार्मिक स्वरूप को और अधिक मजबूती देगा, बल्कि धार्मिक पर्यटन, सुविधाओं के विस्तार, और स्थानीय रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगा।"
भरत पथ: धार्मिक पर्यटन को आधुनिक अधोसंरचना से जोड़ने की पहल
भरत पथ अयोध्या परियोजना के अंतर्गत एक 20 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा जो प्रयागराज हाईवे पर स्थित भरत कुंड से शुरू होकर रानोपाली तक जाएगी। इस मार्ग का उद्देश्य अयोध्या के उन स्थलों को जोड़ना है जो भगवान राम के छोटे भाई भरत से जुड़े हुए हैं।
यह मार्ग विशेष रूप से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जाएगा ताकि वे सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा कर सकें।
जिला प्रशासन की भूमिका और योजना की स्थिति
अयोध्या के जिलाधिकारी निखिल तिकरम फुंडे ने बताया कि यह परियोजना अभी प्रारंभिक स्तर पर है, लेकिन जल्द ही इसकी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस परियोजना में मौजूदा मार्ग को चौड़ा और बेहतर बनाया जाएगा जिससे शहर में यातायात व्यवस्था सुगम हो सके।
उन्होंने कहा, “हमने इस नए प्रोजेक्ट का प्रस्ताव भेजा है जिसका नाम ‘भरत पथ’ रखा गया है। इससे अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा मिलेगी।”
धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक पहचान का विकास
भरत पथ सिर्फ एक भौगोलिक सड़क परियोजना नहीं है, यह अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का माध्यम भी है। भगवान भरत की भूमिका रामायण में उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी राम की, और इस मार्ग के जरिए उन स्थलों को जोड़ा जाएगा जो भरत के जीवन से जुड़े हैं।
इससे ना केवल स्थानीय लोगों को गौरव मिलेगा, बल्कि यह मार्ग अयोध्या के धार्मिक मानचित्र पर एक नया पथ बना देगा।
राम की पैड़ी: एक धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में नया रूप
इसी बीच, राम की पैड़ी पर भी श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। यहां स्नान और मनोरंजन के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
सरयू परियोजना के कार्यकारी अभियंता संजय त्रिपाठी ने बताया कि अब राम की पैड़ी पर स्नान के लिए नियमित सफाई और जल प्रवाह की व्यवस्था की जाती है। पहले जब राम चैनल नहीं था, तो अक्सर दुर्घटनाएं होती थीं, लेकिन अब ये समस्याएं लगभग खत्म हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा, “गर्मियों के मौसम में यहां एक सुंदर झरना बनाया गया है जो लोगों को एक छोटे वाटर पार्क जैसा अनुभव देता है।”
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर: श्रद्धा और शिल्पकला का संगम
अयोध्या में स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर श्रद्धालुओं के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। यह मंदिर नागर शैली में निर्मित है और इसकी लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट, और ऊंचाई 161 फीट है।
इस भव्य मंदिर को 392 खंभों और 44 दरवाजों से समर्थन दिया गया है। दीवारों और स्तंभों पर की गई नक्काशी हिंदू शिल्पकला का अद्भुत उदाहरण है। गर्भगृह में भगवान श्रीरामलला की बाल रूप प्रतिमा को स्थापित किया गया है, जो श्रद्धालुओं को विशेष रूप से आकर्षित करती है।
अयोध्या का बदलता स्वरूप: श्रद्धालु हुए प्रभावित
बाहर से आए श्रद्धालुओं ने अयोध्या की साफ-सफाई, सुरक्षा और व्यवस्था की जमकर सराहना की। एक श्रद्धालु ने बताया, “हम पूरा परिवार लेकर अयोध्या आए हैं, यहां की सुविधाएं और व्यवस्था बहुत अच्छी हैं। नौतपा के बावजूद राम की पैड़ी पर स्नान करके आनंद आया।”
यह प्रतिक्रिया बताती है कि अयोध्या अब न केवल एक धार्मिक नगर है, बल्कि यह आधुनिक पर्यटन सुविधाओं से भी सुसज्जित हो चुका है।
भरत पथ अयोध्या परियोजना: भविष्य की संभावनाएं
यह परियोजना केवल एक सड़क निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिए अयोध्या को एक वैश्विक धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने का रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाया गया है।
तीर्थयात्रियों को सुविधाजनक मार्गस्थानीय व्यापार और रोजगार में वृद्धिसांस्कृतिक स्थलों की बेहतर कनेक्टिविटीअयोध्या की वैश्विक पहचान को बढ़ावा
ये सब पहलू इस परियोजना को बहुआयामी विकास योजना बनाते हैं।
"भरत पथ अयोध्या परियोजना न केवल अयोध्या के धार्मिक महत्व को बढ़ाएगी, बल्कि इससे सांस्कृतिक विरासत, पर्यटन, और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। यह परियोजना अयोध्या के धार्मिक और आधुनिक रूप के संतुलन का प्रतीक बनेगी।"
