सुप्रीम कोर्ट की बड़ी चिंता: दिल्ली समेत अन्य शहरों में बढ़ते प्रदूषण पर आज होगी अहम सुनवाई
“देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ अन्य प्रमुख शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा है कि बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण देश के कई शहरों में स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति बनती जा रही है। इस मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी।”
प्रदूषण की स्थिति और सुप्रीम कोर्ट का रुख
हाल ही में दिल्ली-एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार ‘अति गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है। वहीं, मुंबई, लखनऊ, कानपुर और पटना जैसे शहरों में भी वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इन चिंताजनक हालातों पर संज्ञान लेते हुए कहा कि वायु प्रदूषण की समस्या केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के अन्य शहरों में भी गंभीर रूप ले चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि “प्रदूषण नियंत्रण उपायों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।”
प्रदूषण के प्रमुख कारण
- पराली जलाना: विशेषकर सर्दियों के मौसम में पराली जलाने से हवा में जहरीले कण बढ़ जाते हैं।
- वाहनों का धुआं: बढ़ते वाहनों की संख्या और ट्रैफिक जाम से वायु प्रदूषण में तेजी आती है।
- उद्योगों से निकलता धुआं: औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का पालन न होना।
- निर्माण कार्य और धूल: निर्माण स्थलों पर उड़ने वाली धूल भी प्रमुख प्रदूषक है।
स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण का असर केवल पर्यावरण पर नहीं बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है।
- श्वसन रोगों में वृद्धि (अस्थमा, ब्रोंकाइटिस)।
- हृदय संबंधी समस्याएं और आंखों में जलन।
- बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष रूप से खतरा बढ़ जाता है।
सरकारों को निर्देश
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को निम्नलिखित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं:
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को सक्रिय करना।
- पराली जलाने की निगरानी और किसानों के लिए वैकल्पिक समाधान लागू करना।
- वाहनों और औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कार्रवाई।
- निर्माण कार्यों में धूल रोकने के उपाय सुनिश्चित करना।
आमजन की भूमिका
सुप्रीम कोर्ट ने जनता से भी अपील की है कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए हर व्यक्ति को अपनी भूमिका निभानी चाहिए:
- वाहनों का कम इस्तेमाल और सार्वजनिक परिवहन को अपनाना।
- पेड़-पौधों का अधिक रोपण करना।
- पटाखों और कचरा जलाने से बचना।
आज की सुनवाई पर नजर
आज होने वाली सुनवाई में कोर्ट यह जानना चाहेगा कि सरकारों द्वारा अब तक प्रदूषण रोकने के लिए कौन-कौन से ठोस कदम उठाए गए हैं। साथ ही, भविष्य में इस संकट से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजना पर भी चर्चा हो सकती है।
निष्कर्ष
दिल्ली समेत अन्य शहरों में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गई है। सुप्रीम कोर्ट की इस सुनवाई से उम्मीद है कि सरकारें सख्त और ठोस कदम उठाकर इस संकट का समाधान निकालेंगी। जनभागीदारी और प्रशासनिक कार्रवाई के समन्वय से ही प्रदूषण की इस गंभीर चुनौती का मुकाबला किया जा सकता है।