बोइंग 787 जांच DGCA 2025: एयर इंडिया AI-171 हादसे के बाद सुरक्षा जांच का दायरा बढ़ा
"12 जून 2025, भारतीय विमानन इतिहास का एक और दुखद दिन बन गया। AI-171 फ्लाइट, जो अहमदाबाद से लंदन के गैटविक के लिए रवाना हुई थी, उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 242 यात्रियों में से केवल एक ही जीवित बच पाया, जो घटना की भयावहता को दर्शाता है। इस घटना के बाद भारत सरकार ने तुरंत सुरक्षा मानकों की समीक्षा शुरू कर दी। DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) ने बोइंग ड्रीमलाइनर 787 श्रृंखला के सभी विमानों की विस्तृत जांच के आदेश जारी किए हैं।"
केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू की प्रतिक्रिया
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
"पिछले दो दिन बहुत मुश्किल भरे रहे हैं। अहमदाबाद हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।"
उन्होंने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से घटनास्थल का दौरा किया और देखा कि सभी सरकारी एजेंसियां मौके पर सक्रिय थीं — राहत-बचाव, आग बुझाना, शवों की पहचान और अस्पतालों तक पहुंचाना जैसे कार्यों को प्राथमिकता से किया गया।
AAIB द्वारा हादसे की तकनीकी जांच शुरू
Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) को दुर्घटना की विशेष तकनीकी जांच के लिए सक्रिय किया गया है। टीम को ब्लैक बॉक्स घटनास्थल से बरामद हुआ है, जिसे डिकोड करने का काम जारी है।
AAIB की जांच से अपेक्षित जानकारी:
- टेकऑफ के दौरान पायलट की हरकतें
- विमान के इंजन और इलेक्ट्रॉनिक्स की स्थिति
- कॉकपिट कम्युनिकेशन रिकॉर्ड
- संभावित तकनीकी खराबी या मानव त्रुटि
DGCA का बड़ा कदम: बोइंग 787 विमानों की विस्तृत जांच का आदेश
DGCA ने बताया कि भारतीय विमानन बेड़े में 34 बोइंग 787 विमान हैं, जिनमें से 8 की जांच पहले ही पूरी की जा चुकी है। अब सभी बाकी विमानों की त्वरित और गहन निरीक्षण प्रक्रिया शुरू की गई है।
जांच का उद्देश्य:
- संभावित डिजाइन या संचालन खामी की पहचान
- एयर इंडिया, विस्तारा और अन्य ऑपरेटर्स के विमानों की सुरक्षा की समीक्षा
- उड़ान से पहले की चेकलिस्ट को मजबूत करना
- भविष्य की विमान दुर्घटनाओं को रोकना
मृतकों के परिवारों को सहायता: डीएनए जांच से शवों की पहचान
मंत्री ने बताया कि एयर इंडिया को प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। दुर्घटना की भयावहता को देखते हुए डीएनए परीक्षण द्वारा ही शवों की पहचान की जा रही है।
सहायता प्रक्रिया में शामिल:
- DNA सैंपल कलेक्शन
- शवों की पहचान और सौंपना
- मुआवजा और कानूनी सहायता
- मनोवैज्ञानिक परामर्श की व्यवस्था
गुजरात सरकार भी इस प्रक्रिया में सहयोग कर रही है।
सुरक्षा मानकों को लेकर भारत की स्थिति
राम मोहन नायडू ने कहा कि भारत में विमानन सुरक्षा मानकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माना जाता है। लेकिन AI-171 हादसे ने यह संकेत दिया है कि कुछ क्षेत्रों में और ज्यादा सतर्कता और निगरानी की आवश्यकता है।
भविष्य की रणनीति:
- विमान जांच के लिए AI और डेटा विश्लेषण का उपयोग
- एयरलाइन ऑपरेटर्स की पायलट ट्रेनिंग का ऑडिट
- इमरजेंसी रिस्पॉन्स टाइम और सिस्टम की समीक्षा
- एटीसी सिस्टम का नवाचार और अपग्रेडेशन
यात्रियों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी?
भारत सरकार का मानना है कि किसी भी दुर्घटना के बाद केवल जांच ही नहीं, बल्कि सुधारात्मक कार्रवाई भी जरूरी है। DGCA और AAIB दोनों ही निकायों को नियमित अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और ऑडिट में शामिल किया जाएगा।
क्या कहती है विमानन इंडस्ट्री?
बोइंग ड्रीमलाइनर 787 विमानों को सामान्यतः सुरक्षित और उन्नत तकनीक से लैस माना जाता है। लेकिन दुनिया भर में, खासकर अमेरिका में भी, 787 सीरीज की कुछ उड़ानों में तकनीकी गड़बड़ियों की रिपोर्ट्स आती रही हैं।
अब DGCA द्वारा भारत में ऑपरेट हो रहे सभी विमानों की स्थायी जांच प्रणाली और जोखिम मूल्यांकन तंत्र को और मजबूत किया जाएगा।
"बोइंग 787 जांच DGCA 2025 की घोषणा एक महत्वपूर्ण और आवश्यक कदम है। AI-171 जैसी दर्दनाक घटना को दोहरने से रोकने के लिए भारत सरकार ने जिस गंभीरता और तेजी से प्रतिक्रिया दी है, वह दर्शाता है कि भारत के विमानन सुरक्षा तंत्र में सुधार और पारदर्शिता की प्रतिबद्धता कितनी मजबूत है। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और DGCA का यह निर्णय भविष्य की उड़ानों के लिए भरोसे और आत्मविश्वास को फिर से स्थापित करेगा।"
