वित्त मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों के साथ बजट पूर्व बैठक की
“आगामी केंद्रीय बजट 2025-26 की तैयारियों के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य राज्यों की जरूरतों और सुझावों को बजट में शामिल करने के लिए विचार-विमर्श करना था।”
बैठक के मुख्य बिंदु
- राज्यों के वित्तीय सुझाव: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने बजट में वित्तीय सहायता, बुनियादी ढांचे और सामाजिक योजनाओं को लेकर अपने सुझाव दिए।
- सहकारी संघवाद पर जोर: वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों और केंद्र के बीच बेहतर समन्वय से देश का समग्र विकास संभव है।
- नए विकास परियोजनाएं: राज्यों ने अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए अधिक फंडिंग की मांग रखी।
राज्यों की भूमिका और सहयोग
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में राज्यों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने सहकारी संघवाद के सिद्धांत पर जोर देते हुए राज्यों के साथ बेहतर संवाद और समन्वय का आश्वासन दिया।
मुख्य मुद्दे जिन पर चर्चा हुई
- राजकोषीय घाटा और वित्तीय संतुलन।
- बुनियादी ढांचा विकास के लिए विशेष पैकेज।
- राज्यों में स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि के लिए योजनाओं पर फोकस।
- आय बढ़ाने और राजस्व सुधार के उपाय।
बैठक का महत्व
बजट पूर्व परामर्श बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विकास के लिए समावेशी बजट तैयार करना है। राज्यों के वित्त मंत्रियों द्वारा दिए गए सुझावों को केंद्रीय बजट में शामिल करने की दिशा में यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम है।
वित्त मंत्री की यह बैठक आगामी बजट की तैयारियों में राज्यों की भागीदारी को सुनिश्चित करती है। इससे केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय के साथ आर्थिक नीतियों को लागू करने में मदद मिलेगी।
