प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में CBI निदेशक की नियुक्ति पर बैठक
"नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में CBI निदेशक की नियुक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए। बैठक का आयोजन वर्तमान सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद के दो वर्ष के कार्यकाल के समापन से पहले किया गया, जो 25 मई को समाप्त हो रहा है।"
CBI निदेशक की नियुक्ति प्रक्रिया: कौन करता है चयन?
CBI निदेशक की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा एक तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति की सिफारिश के आधार पर की जाती है। इस समिति में निम्नलिखित सदस्य होते हैं:
प्रधानमंत्री (अध्यक्ष)लोकसभा में विपक्ष के नेताभारत के मुख्य न्यायाधीश
यदि विपक्ष का कोई आधिकारिक नेता नहीं होता, तो लोकसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को समिति में शामिल किया जाता है।
CBI निदेशक की कार्यकाल अवधि क्या है?
CBI निदेशक का कार्यकाल दो वर्षों का निर्धारित है। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि वही अधिकारी इस पद के लिए पात्र माने जाएंगे जिनकी सेवा अवधि कम से कम छह महीने शेष हो। इसका उद्देश्य इस महत्वपूर्ण पद पर स्थायित्व और स्वतंत्रता सुनिश्चित करना है।
CBI प्रमुख के चयन की प्रक्रिया: कैसे चुना जाता है निदेशक?
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार चयन
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि CBI निदेशक की नियुक्ति पारदर्शिता, निष्पक्षता और योग्यता के आधार पर होनी चाहिए।
लोकपाल कानून का अनुपालन
लोकपाल कानून, 2013 के तहत भी यह सुनिश्चित किया गया है कि नियुक्ति निष्पक्ष हो। इसमें यह भी बताया गया है कि समिति की अनुशंसा के आधार पर ही सरकार निदेशक नियुक्त करेगी।
क्या होता है यदि समिति में सहमति नहीं बनती?
यदि तीनों सदस्यों के बीच सर्वसम्मति नहीं बनती, तो बहुमत के आधार पर निर्णय लिया जाता है। यानी यदि दो सदस्य एक नाम पर सहमत हों, तो वही नाम चयनित किया जा सकता है।
CBI का महत्व और निदेशक की भूमिका
CBI, यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो, भारत की प्रमुख जांच एजेंसी है। यह एजेंसी देशभर में बड़े आपराधिक मामलों, भ्रष्टाचार, और अन्य जटिल मामलों की जांच करती है। CBI निदेशक की भूमिका बेहद संवेदनशील होती है, क्योंकि वे जांच की दिशा और निष्पक्षता तय करते हैं।
हालिया चर्चा: कौन बन सकता है अगला CBI निदेशक?
चूँकि वर्तमान निदेशक प्रवीण सूद का कार्यकाल जल्द समाप्त होने वाला है, ऐसे में नए निदेशक के चयन को लेकर कई नाम चर्चा में हैं। परंतु नियुक्ति समिति के अंतिम निर्णय से पहले कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की जाती।
CBI निदेशक की नियुक्ति से जुड़ी जरूरी बातें
नियुक्ति केवल उन अधिकारियों में से की जा सकती है जिनके पास कम से कम छह महीने की सेवा अवधि शेष हो।निदेशक का कार्यकाल दो वर्ष का होता है, लेकिन इसे सरकार बढ़ा भी सकती है।चयन समिति का निर्णय सर्वोपरि होता है, और सरकार केवल उसी नाम की घोषणा कर सकती है।
CBI निदेशक की नियुक्ति क्यों है इतना महत्वपूर्ण?
CBI का प्रमुख ऐसा व्यक्ति होता है जो देश में भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करता है। इसलिए CBI निदेशक की नियुक्ति किसी भी राजनीतिक या प्रशासनिक हस्तक्षेप से मुक्त होनी चाहिए। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट और संसद दोनों ने इसके लिए सख्त प्रक्रिया तय की है।

“प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई यह बैठक सिर्फ एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि एक ऐसी प्रक्रिया का हिस्सा थी जो भारत में न्याय और कानून के शासन को मजबूत करती है। यह नियुक्ति केवल एक अधिकारी का चयन नहीं है, बल्कि यह तय करता है कि आने वाले वर्षों में CBI जैसी संस्था कितनी प्रभावी और निष्पक्ष रूप से काम करेगी।”
