सेंसेक्स और निफ्टी के लिए सर्किट फिल्टर क्या होते हैं? शेयर बाजार में गिरावट के समय इनका क्या मतलब है ?
शेयर बाजार में Circuit Filters क्या होते हैं और सेंसेक्स-निफ्टी पर इनका क्या असर पड़ता है?
“जब भी Stock Market Crash होता है, तो बाजार की अस्थिरता को रोकने के लिए कई नियम और व्यवस्थाएं सक्रिय हो जाती हैं। इन्हीं में से एक सबसे जरूरी उपाय है — Circuit Filters in Stock Market।”
यह नियम बाजार को गिरने या बढ़ने से कुछ सीमा तक रोकता है, ताकि निवेशकों को सोचने और निर्णय लेने का समय मिल सके।
Circuit Filters in Stock Market क्या होते हैं ?
सर्किट फिल्टर्स वे सीमाएं हैं जो किसी स्टॉक या पूरे बाजार (जैसे सेंसेक्स और निफ्टी) में एक दिन में अधिकतम बढ़त या गिरावट को सीमित करती हैं।
यह सीमाएं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों में लागू होती हैं।
सर्किट फिल्टर का उद्देश्य क्या है ?
सर्किट फिल्टर का मुख्य उद्देश्य है:
- अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकना
- निवेशकों को झटके से बचाना
- पैनिक सेलिंग को रोकना
- बाजार को स्थिरता प्रदान करना
सेंसेक्स और निफ्टी के लिए सर्किट फिल्टर कैसे काम करते हैं ?
भारत में स्टॉक मार्केट के लिए तीन स्तरों पर सर्किट लिमिट्स तय की गई हैं:
- 10%
- 15%
- 20%
यदि सेंसेक्स या निफ्टी इन सीमाओं से अधिक गिरते हैं या बढ़ते हैं, तो ट्रेडिंग कुछ समय के लिए रोकी जाती है।
एक उदाहरण से समझिए
मान लीजिए आज सेंसेक्स 10% से अधिक गिर जाता है, तो:
- पहले 45 मिनट तक ट्रेडिंग बंद की जा सकती है।
- अगर गिरावट 15% तक पहुंच जाए, तो ट्रेडिंग 90 मिनट या उससे ज्यादा बंद रह सकती है।
- 20% गिरावट पर पूरे दिन की ट्रेडिंग पूरी तरह रोक दी जाती है।
व्यक्तिगत स्टॉक्स पर सर्किट लिमिट
सिर्फ इंडेक्स ही नहीं, बल्कि हर स्टॉक के लिए भी अलग-अलग Upper और Lower Circuit Limit होती है। ये आमतौर पर 2%, 5%, 10% या 20% के बीच होती हैं।
कौन तय करता है Circuit Filters ?
भारत में सर्किट फिल्टर का निर्धारण SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) और स्टॉक एक्सचेंज करते हैं। इनका मकसद होता है निवेशकों की सुरक्षा और बाजार में पारदर्शिता बनाए रखना।
Stock Market Crash के दौरान Circuit Filters का महत्व
जब बाजार बहुत तेजी से गिरता है, तब Panic Selling की स्थिति बन जाती है। ऐसे में:
- Circuit Filters निवेशकों को विचार का समय देते हैं
- इससे बाजार को संतुलन मिलता है
- बड़े नुकसान से बचा जा सकता है
- अफवाहों पर आधारित व्यापार को रोका जा सकता है
Circuit Breaker Trigger होने पर क्या होता है ?
- एक बार सर्किट ब्रेकर ट्रिगर होते ही सभी ट्रेडिंग गतिविधियां ऑटोमैटिकली बंद हो जाती हैं।
- BSE और NSE दोनों अपनी वेबसाइट पर इसकी सूचना देते हैं।
- सभी निवेशक और ब्रोकर्स को जानकारी मिल जाती है कि बाजार कितने समय के लिए बंद रहेगा।
निवेशकों को Circuit Filters के बारे में क्यों जानना चाहिए ?
- ताकि वे गिरावट के समय घबराएं नहीं
- बाजार बंद होने की स्थिति में समय का सही उपयोग कर सकें
- यह जान सकें कि कब तक बाजार फिर से खुलेगा
- लॉस को रोकने के लिए रणनीति बना सकें
Circuit Filters और लॉन्ग टर्म निवेश
लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे इस नियम को समझें। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर वे भावनात्मक निर्णय लेते हैं, तो वे नुकसान उठा सकते हैं। Circuit Filters समय देते हैं सोचने और समझने का।
Circuit Filters निवेशकों की सुरक्षा के लिए जरूरी हैं
Circuit Filters in Stock Market एक तरह का सुरक्षा कवच हैं जो बाजार में अति-गिरावट या तेजी को रोकते हैं। ये न केवल निवेशकों को राहत देते हैं, बल्कि पूरे बाजार को संतुलित रखने का काम करते हैं।
हर निवेशक को सर्किट फिल्टर के कामकाज की जानकारी जरूर होनी चाहिए, ताकि वो सही निर्णय ले सके, खासकर उस समय जब बाजार अस्थिर हो।
