दिल्ली-एनसीआर में ऑरेंज अलर्ट जारी, तेज हवा और बारिश के साथ मौसम में बदलाव का अलर्ट
"दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में शुक्रवार को मौसम में बदलाव का अनुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस क्षेत्र के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों के अनुसार, हल्की से तेज बारिश के साथ 50 से 70 किमी प्रति घंटे की तेज हवाओं का भी अनुमान है। यह मौसम बदलाव क्षेत्र में जलभराव, यातायात में बाधा और बुनियादी ढांचे को मामूली नुकसान पहुंचा सकता है।"
दिल्ली एनसीआर में मौसम का पूर्वानुमान
आईएमडी के अनुसार, पूरे दिन आसमान में आंशिक बादल छाए रहेंगे और शहर के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान 36 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच और न्यूनतम तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। गुरुवार को भी दिल्ली में 60 किमी प्रति घंटे की तेज हवाएं चली थीं, जबकि शुक्रवार को यह गति 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
ऑरेंज अलर्ट क्या होता है?
आईएमडी तब ऑरेंज अलर्ट जारी करता है जब किसी क्षेत्र में 24 घंटे के भीतर भारी बारिश का अनुमान होता है, जो 115.6 मिमी से अधिक और 204.4 मिमी तक हो सकती है। इस साल मई में दिल्ली में अब तक 186.4 मिमी बारिश हो चुकी है, जो मई माह के लिए रिकॉर्ड है। इस बार मानसून सामान्य समय से पहले सक्रिय हुआ है, जिससे अप्रत्याशित वर्षा हो रही है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता और मौसम संबंधी सलाह
गुरुवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में रही, जिसमें AQI 151 दर्ज किया गया। हल्की बारिश ने उमस में कुछ राहत दी, लेकिन तेज गर्मी और उमस बनी हुई है। आईएमडी ने लोगों को सलाह दी है कि वे तूफानी मौसम में घर के अंदर रहें, पेड़ों के नीचे शरण न लें, और दुर्घटना से बचने के लिए बाहर रखी वस्तुओं को सुरक्षित करें।
दिल्ली एनसीआर ऑरेंज अलर्ट: मुख्य बातें
तेज बारिश और 50-70 किमी प्रति घंटे की तेज हवाओं की संभावना
अधिकतम तापमान 36-38 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा
बारिश के कारण जलभराव और यातायात में समस्या हो सकती है
वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में बनी हुई है
तूफानी मौसम में सुरक्षा के लिए सावधानी बरतने की सलाह
"दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मौजूदा मौसम की स्थिति को देखते हुए आईएमडी द्वारा ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान तेज हवाओं और बारिश की संभावना के कारण लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां अपनाने की जरूरत है। मानसून की सक्रियता से क्षेत्र में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है, जिससे सामान्य जीवन प्रभावित हो सकता है।"