दिल्ली/एनसीआर

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता वायु प्रदूषण: गले और सेहत के लिए बन रहा बड़ा खतरा

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है। जहरीली हवा से न केवल आंखों में जलन हो रही है, बल्कि लोगों के गले और फेफड़ों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि इसे हल्के में लेना गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को न्योता देने जैसा है

प्रदूषण का गले पर असर

वायु प्रदूषण में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे सूक्ष्म कण सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे गले में जलन, खराश और खांसी जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। डॉक्टरों के अनुसार, प्रदूषित हवा का लंबे समय तक संपर्क फेफड़ों में संक्रमण और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

डॉक्टरों की चेतावनी

डॉ. राजेश गुप्ता, वरिष्ठ ईएनटी विशेषज्ञ ने बताया, “वायु प्रदूषण के कारण गले की समस्या आम हो गई है। बच्चे, बुजुर्ग और अस्थमा के मरीजों को इससे ज्यादा खतरा है।” उन्होंने सलाह दी कि लोग घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें और प्रदूषण के स्तर को गंभीरता से लें।

कैसे करें बचाव?

  1. मास्क पहनें: N95 मास्क प्रदूषण के खतरनाक कणों को रोकने में मददगार है।
  2. भाप लें: गले और नाक को साफ रखने के लिए दिन में दो बार भाप लें।
  3. पानी का सेवन बढ़ाएं: पानी पीने से गले की जलन कम होती है।
  4. प्रदूषण स्तर जांचें: बाहर निकलने से पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) जरूर देखें।

प्रदूषण से कौन ज्यादा प्रभावित?

  • बच्चे: उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।
  • बुजुर्ग: उम्र के कारण स्वास्थ्य समस्याएं अधिक होती हैं।
  • अस्थमा और एलर्जी के मरीज: प्रदूषण से उनकी स्थिति और बिगड़ सकती है।
  • सरकार के कदम

हालांकि, प्रदूषण रोकने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है जैसे ग्रीन क्रैकर्स का उपयोग, निर्माण कार्यों पर नियंत्रण और पानी के छिड़काव। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जनसहयोग के बिना हालात में सुधार मुश्किल है।

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