Newsदिल्ली/एनसीआर

दिल्ली में स्कूल फीस बढ़ोतरी की जांच शुरू, सरकार 10 दिन में रखेगी तथ्य सामने

“दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर सरकार का बड़ा कदम दिल्ली निजी स्कूल फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावकों की शिकायतों के बाद सरकार ने एक सख्त और स्पष्ट कदम उठाया है। दिल्ली सरकार ने राज्य के सभी 1,677 निजी स्कूलों की फीस संरचना की ऑडिट कराने का फैसला किया है। इस ऑडिट की निगरानी उप-जिलाधिकारी (SDM) के नेतृत्व में की जाएगी और जांच रिपोर्ट 10 दिन के भीतर सार्वजनिक की जाएगी।”


क्यों उठाया गया यह कदम ?

पिछले कुछ समय से दिल्ली के निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने की शिकायतें बढ़ती जा रही थीं। कई अभिभावक फाइनेंशियल बोझ को लेकर परेशान थे और उन्होंने सरकार से दखल देने की मांग की थी। इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने यह निर्णय लिया कि सभी निजी स्कूलों की वित्तीय जानकारी की जांच की जाए ताकि फीस में पारदर्शिता और नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।


क्या है इस ऑडिट की प्रक्रिया ?

दिल्ली निजी स्कूल फीस बढ़ोतरी की जांच के लिए हर स्कूल का पूरा अकाउंट्स डेटा, फीस संरचना, स्टाफ सैलरी, इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च और अन्य आय-व्यय का रिकॉर्ड SDM पैनल को सौंपना अनिवार्य होगा। पैनल इन दस्तावेजों की जांच कर यह सुनिश्चित करेगा कि क्या फीस वसूली उचित है या नहीं।


10 दिन में आएगी ऑडिट रिपोर्ट

राज्य के शिक्षा मंत्री ने साफ किया कि यह रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर पूरी करके सार्वजनिक डोमेन में डाली जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि अभिभावक जान सकें कि उनके बच्चों से जो फीस ली जा रही है, वह जायज़ है या नहीं।


पारदर्शिता और जवाबदेही की ओर एक कदम

इस पहल से न सिर्फ फीस वसूली में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि स्कूलों की जवाबदेही भी तय होगी। सरकार का मानना है कि शिक्षा का व्यवसायीकरण रोका जाना चाहिए और शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाना प्राथमिकता होनी चाहिए।


स्कूल प्रबंधन की क्या है प्रतिक्रिया ?

कुछ स्कूलों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है और ऑडिट प्रक्रिया में सहयोग देने की बात कही है। वहीं, कुछ निजी स्कूल प्रबंधनों ने इसे निजी संस्थानों की स्वतंत्रता पर हस्तक्षेप बताया है। उनका कहना है कि निजी स्कूलों की संचालन लागत भी दिन-ब-दिन बढ़ रही है, जिससे फीस बढ़ाना जरूरी हो जाता है।


अभिभावकों को राहत

दिल्ली के हज़ारों अभिभावकों ने सरकार के इस कदम को सकारात्मक और समय पर लिया गया निर्णय बताया है। उनका मानना है कि अब स्कूलों पर मनमानी करने से पहले सोचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। कई अभिभावकों ने कहा कि उन्हें पहली बार लग रहा है कि उनकी शिकायतों को गंभीरता से सुना गया।


क्या होंगे इस जांच के प्रभाव ?

  • अनुचित फीस बढ़ोतरी पर रोक लगेगी
  • अभिभावकों का शिक्षा संस्थानों पर विश्वास बढ़ेगा
  • सरकार के पास स्कूलों के आर्थिक मॉडल की स्पष्ट जानकारी होगी
  • स्कूलों को अधिक पारदर्शी तरीके से काम करना होगा
  • भविष्य में नीतियां बनाते समय इन आंकड़ों का उपयोग किया जा सकेगा

दिल्ली सरकार की शिक्षा क्षेत्र में हाल की अन्य पहलें

दिल्ली सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं, जैसे कि सरकारी स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, शिक्षा मित्र योजना, स्कूलों में हैप्पीनेस करिकुलम और अभिभावक-शिक्षक बैठकें। दिल्ली निजी स्कूल फीस बढ़ोतरी पर यह नई पहल सरकार की पारदर्शी और उत्तरदायी शिक्षा नीति की अगली कड़ी मानी जा रही है।


आगे की दिशा क्या हो सकती है ?

यदि यह ऑडिट प्रक्रिया सफल होती है, तो अन्य राज्यों के लिए भी यह एक उदाहरण बन सकता है। शिक्षा एक मौलिक अधिकार है और इसके लिए आर्थिक न्याय भी जरूरी है। आने वाले समय में सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर नए निर्देश जारी कर सकती है जो फीस निर्धारण की स्पष्ट नीति बना सके।


सुझाव

फीस का पारदर्शी निर्धारण और सरकार की निगरानी शिक्षा व्यवस्था को अधिक सशक्त बना सकती है। निजी और सरकारी संस्थानों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि छात्र और अभिभावक दोनों को राहत मिल सके।

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