दिल्ली: गोलगप्पा बेच रहे कैफे के युवक को लूटपाट के बाद चाकू से हमला, हालत गंभीर
दिल्ली सुल्तानपुरी में चाकू से हमला: गोलगप्पा का पैसा मांगने पर युवक गंभीर रूप से घायल
“दिल्ली सुल्तानपुरी से सामने आई एक सनसनीखेज घटना ने राजधानी की सड़कों पर सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। धीरेंद्र, जो उत्तर प्रदेश के संभल जिले का रहनेवाला था और रोजगार की तलाश में दिल्ली आया था, पर लूट के प्रयास के दौरान चाकू से हमला कर दिया गया। घटना गुरुवार दोपहर की बताई जा रही है, जब धीरेंद्र अपनी रेहड़ी पर गोलगप्पे बेच रहा था।”
एक नॉर्मल डे, जो अचानक डरावना हो गया
धीरेंद्र सुल्तानपुरी के नाग मंदिर के बाहर रेहड़ी लगाकर गोलगप्पे बेच रहा था। दोपहर करीब ढाई बजे चार युवक वहां पहुंचे और गोलगप्पे खाए। जब उसने पैसे मांगे, तो युवक नाराज हो गए और उस पर हमला कर दिया।
लूट के प्रयास में चाकू से वार
पीड़ित के मामा रोहताश यादव ने बताया कि चारों युवकों ने पहले उसका पर्स और मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की। पर्स तो वे छीन ले गए, लेकिन जब मोबाइल छीनने में असफल रहे, तो उन्होंने धीरेंद्र पर चाकू से हमला कर दिया।
- चाकू उसके पीठ और सीने में घोंप दिया गया।
- आरोपी चाकू को शरीर में ही छोड़कर भाग निकले।
- घटना के बाद धीरेंद्र ने किसी तरह अपने मामा को सूचना दी।
गंभीर हालत में सफदरजंग अस्पताल में भर्ती
हमले के तुरंत बाद धीरेंद्र को पास के संजय गांधी अस्पताल, मंगोलपुरी ले जाया गया, लेकिन वहां से उसे सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। चिकित्सकों ने उसकी जान बचाने के लिए तुरंत ऑपरेशन किया।
- चाकू दिल से मात्र एक इंच दूर रह गया था, जो उसकी जान ले सकता था।
- डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन के बाद चाकू शरीर से निकाल दिया है।
- उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
पीड़ित का परिवारिक और आर्थिक पृष्ठभूमि
धीरेंद्र ईशापुर गांव, संभल (उत्तर प्रदेश) से दिल्ली में नौकरी की तलाश लेकर आया था। उसका परिवार पहले से ही आर्थिक गरीबी से जूझ रहा है। उसके पिता गांव में खेती करते हैं और वह तीन बहनों का इकलौता बेटा है।
वह अपने मामा रोहताश यादव के साथ ही दिल्ली में रह रहा था।
परिवार की मदद और बेहतर जीवन की आशा लेकर वह दिल्ली आया था।
पुलिस जांच में जुटी, आरोपियों की तलाश जारी
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और एफआईआर दर्ज की गई। हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए कई टीमें तैनात की गई हैं। सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीद गवाहों के आधार पर जांच जारी है।
दिल्ली में बढ़ती सड़क अपराध की घटनाएं
इस घटना ने एक बार फिर दिल्ली में सड़क अपराध और सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता खड़ी कर दी है। एक साधारण दिन पर मेहनत कर रहा एक युवक, केवल पैसे मांगने पर गंभीर हमले का शिकार हो गया।
ऐसे अपराधों को कैसे रोका जाए?
- अधिक पुलिस गश्तों के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए।
- सुरक्षा प्रशिक्षण छोटे दुकानदारों और रेहड़ी वालों को दिया जाए।
- सीसीटीवी निगरानी और “हेल्प लाइन” जैसी सुविधाएं आम लोगों तक पहुंचाई जाएं।
“दिल्ली सुल्तानपुरी चाकू हमला एक युवा की जिंदगी पर हमला नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज को एक चेतावनी देता है कि अपराध को नजरअंदाज करना अब संभव नहीं है। प्रशासन और समाज को ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है, ताकि मेहनतकश युवा सुरक्षित रह सकें।”