दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब, प्रशासन हाई अलर्ट पर
यमुना नदी का जलस्तर फिर बढ़ा
“दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। ओल्ड रेलवे ब्रिज के पास रविवार सुबह 8 बजे जलस्तर 204.05 मीटर दर्ज किया गया। यह चेतावनी स्तर 204.50 मीटर से थोड़ा नीचे और खतरे के स्तर 205.33 मीटर से कम है, लेकिन स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। दो दिन पहले ही नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया था, जिससे कई निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई थी।”
बढ़ते जलस्तर के कारण
- दिल्ली में लगातार हो रही बारिश।
- हिमाचल, उत्तराखंड और आसपास के पहाड़ी इलाकों में भारी वर्षा।
- हथिनकुंड बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी।
बैराज से छोड़ा गया पानी यमुना के बहाव को तेज करता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
प्रशासन की तैयारियां
- यमुना बैराज के सभी गेट खोले गए ताकि पानी का बहाव सुचारू रहे।
- जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है।
- जरूरत पड़ने पर राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू करने की योजना तैयार है।
- संवेदनशील इलाकों में लोगों को अलर्ट किया जा रहा है।
जलस्तर और चेतावनी मानक
- 204.50 मीटर – चेतावनी स्तर
- 205.33 मीटर – खतरे का स्तर
- 206 मीटर – निकासी की प्रक्रिया शुरू
जब जलस्तर
206 मीटर तक पहुंचता है, तो निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया जाता है।
ओल्ड रेलवे ब्रिज का महत्व
बाढ़ की स्थिति का आकलन करने में ओल्ड रेलवे ब्रिज (पुराना लोहे का पुल) एक अहम माप केंद्र है। यहां से मिलने वाले आंकड़ों के आधार पर बाढ़ प्रबंधन और राहत कार्यों की रणनीति बनाई जाती है।
निचले इलाकों में बढ़ा खतरा
यमुना के किनारे बसे इलाकों जैसे मजनूं का टीला, कश्मीरी गेट, लोहे का पुल, निगम बोध घाट और आईटीओ के पास स्थित निचली बस्तियों में पानी घुसने का खतरा है। प्रशासन ने इन क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है।
“दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंचना इस बात का संकेत है कि अगले कुछ दिनों तक स्थिति पर कड़ी निगरानी रखनी होगी। प्रशासन और बाढ़ नियंत्रण विभाग अलर्ट मोड पर हैं और लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रहे हैं।”