धराली आपदा में राहत कार्य तेज़: मुख्यमंत्री धामी ने पीड़ितों से की मुलाकात, सेना और प्रशासन जुटे बचाव में
धराली आपदा राहत कार्य: सरकार और सेना ने संभाला मोर्चा
“उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में आए धराली आपदा के बाद राज्य सरकार और भारतीय सेना ने मिलकर राहत कार्यों को तेज़ कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को उत्तरकाशी पहुंचकर रेस्क्यू कर लाए गए लोगों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार संकट की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है।”
सीएम धामी ने पीड़ितों से की मुलाकात, जताया संवेदनाएं
मुख्यमंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि उन्होंने धराली आपदा से प्रभावित बहनों से मिलकर उनके आंसुओं में छिपा दर्द महसूस किया और उनके साहस को सलाम किया। उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य है कि जब तक अंतिम व्यक्ति सुरक्षित नहीं निकलता, तब तक राहत व बचाव कार्य जारी रहेंगे।
आपदा में अब तक 274 लोगों का रेस्क्यू
मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि क्षेत्र में बादल फटने और भारी बारिश के कारण पूरा इलाका तबाह हो गया है। भू-स्खलन के चलते सड़क मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है।
- पहले दिन 190 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया
- अब तक कुल 274 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है
- फंसे लोगों के लिए हवाई सेवा से खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावितों को हर आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाए।
सेना की भूमिका: हर जीवन की सुरक्षा प्राथमिकता
भारतीय सेना ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई करते हुए रेस्क्यू और राहत अभियान शुरू कर दिया है।
2 इंजीनियर रेजिमेंट के कैप्टन गुरप्रीत सिंह ने बताया:
- सेना की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं
- 5 शव बरामद किए जा चुके हैं
- 250 से 300 सैनिक राहत कार्य में तैनात
- जल्द ही ऐसी मशीनें मंगवाई जा रही हैं जो मलबे में दबे लोगों की खोज कर सकें
उनका उद्देश्य है कि सात दिनों में हर फंसे हुए व्यक्ति को बचा लिया जाए।
आर्मी कमांडर ने दी ज़मीनी स्थिति की जानकारी
सेंट्रल कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने कहा कि:
- धराली पूरी तरह तबाह हो गया है
- एक ही दिन में दो बार अचानक बाढ़ और भू-स्खलन हुआ
- दक्षिण हर्षिल में आर्मी कैंप भी तबाह हो गया
- 7 जवान और 1 JCO लापता हैं
- 30-40 मजदूरों के भी लापता होने की सूचना है
उन्होंने स्थानीय लोगों को भरोसा दिलाया कि सेना उनके साथ है और हरसंभव मदद की जाएगी।
सीमा सड़क संगठन (BRO) भी जुटा सड़क बहाली में
BRO के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने बताया:
- धराली से उत्तरकाशी की दूरी 96 किमी है
- रास्ते में चार बड़े भूस्खलन बिंदु हैं
- एक पुल भी बह गया है
- पिछले दो दिनों से BRO के कर्मचारी और मशीनें तैनात हैं
- संपर्क बहाली का कार्य तेज़ी से चल रहा है
उनका अनुमान है कि अगले तीन दिनों में हर्षिल तक सड़क बहाल कर दी जाएगी।
वैकल्पिक सड़क मार्ग और पुल निर्माण की योजना
रघु श्रीनिवासन ने आगे कहा:
- हर्षिल को धराली से जोड़ने वाली सड़क अभी डूबी हुई है
- या तो पुरानी सड़क बहाल की जाएगी या नई सड़क बनाई जाएगी
- जैसे ही सड़क संपर्क बहाल होगा, पुल निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा
इस योजना से प्रभावित क्षेत्रों में तेज़ रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
गंगोत्री राजमार्ग की बहाली भी जारी
धराली और उत्तरकाशी के बीच गंगोत्री राजमार्ग को बहाल करने का कार्य भी तेज़ी से किया जा रहा है:
- पापरगाड़ और भटवारी के पास भू-धंसाव से टूटी सड़क बहाल
- गंगनानी (लिमचा गाड़) के पास टूटा पुल मरम्मत के लिए तैयार
- मशीनरी और कर्मियों की संख्या बढ़ाई गई है
“धराली आपदा राहत कार्य में जिस तरह से उत्तराखंड सरकार, सेना, और BRO ने मिलकर काम किया है, वह अत्यंत सराहनीय है। संकट की इस घड़ी में हर एक नागरिक की जान बचाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी की मौके पर मौजूदगी और सेना की तत्परता से यह भरोसा जागता है कि उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा से जल्द उबरकर फिर से सामान्य स्थिति में लौटेगा।”