प्रधानमंत्री ने ध्यान को दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की अपील
PIB कार्यालय द्वारा X पर साझा किया
प्रधानमंत्री ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए सभी नागरिकों से ध्यान को अपने दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि ध्यान न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह जीवन में संतुलन और सकारात्मकता भी लाता है।
प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि आज की तेज़-तर्रार जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना अत्यंत आवश्यक हो गया है। ध्यान, योग और प्राणायाम जैसी विधियाँ हमें तनाव मुक्त रहने और अपनी ऊर्जा को पुनः प्राप्त करने में मदद करती हैं।
उन्होंने बताया कि कई वैज्ञानिक अध्ययन यह सिद्ध कर चुके हैं कि ध्यान करने से न केवल मस्तिष्क की कार्यक्षमता बेहतर होती है, बल्कि यह तनाव, चिंता और अवसाद को भी कम करता है। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि हर नागरिक को दिन में कम से कम 10-15 मिनट का समय ध्यान के लिए निकालना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने बच्चों और युवाओं को भी ध्यान अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इसे शिक्षा और करियर की चुनौतियों के बीच मानसिक मजबूती का आधार बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ध्यान से प्राप्त आत्म-शक्ति और आत्म-नियंत्रण एक खुशहाल और सफल जीवन का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।
सरकार ने भी इस दिशा में कई पहल की हैं, जिनमें स्कूलों और कॉलेजों में ध्यान की कक्षाएँ और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ध्यान सत्र उपलब्ध कराना शामिल है।
ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाना न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि समाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर भी सकारात्मक बदलाव ला सकता है। आइए, हम सब मिलकर इस पहल को सफल बनाएं