19 वर्षीय दिव्या देशमुख बनीं महिला चेस वर्ल्ड चैंपियन 2025: पीएम मोदी ने दी बधाई
भारत की बेटी ने रचा इतिहास
“दिव्या देशमुख, 19 वर्षीय भारतीय शतरंज खिलाड़ी, ने 2025 की फिडे महिला चेस वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया है।
वह इस खिताब को जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। फाइनल में उनका मुकाबला देश की दिग्गज खिलाड़ी कोनेरु हम्पी से हुआ, जहां दिव्या ने उन्हें रैपिड टाई-ब्रेक में 1.5–0.5 से हराकर खिताब अपने नाम किया।”
फाइनल मुकाबले की रोमांचक झलक
- फाइनल के पहले दोनों क्लासिकल गेम ड्रॉ रहे।
- शनिवार और रविवार को दोनों खिलाड़ियों ने संतुलित खेल दिखाया।
- टाई-ब्रेक में दिव्या ने दबाव में भी ठंडे दिमाग से खेलते हुए शानदार जीत दर्ज की।
- दूसरे रैपिड गेम में हम्पी की एक चूक दिव्या के लिए जीत का रास्ता बन गई।
दिव्या की खास उपलब्धियां
- दिव्या देशमुख महिला ग्रैंडमास्टर बनने वाली भारत की चौथी खिलाड़ी बनीं।
- वह देश की 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बन गई हैं।
- इस खिताब के साथ दिव्या ने विश्व स्तरीय मंच पर अपनी प्रतिभा और आत्मविश्वास का प्रमाण दे दिया।
पीएम मोदी ने दी बधाई और की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिव्या की जीत पर
X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“दो शानदार भारतीय शतरंज खिलाड़ियों का ऐतिहासिक फाइनल! युवा दिव्या देशमुख के FIDE महिला विश्व शतरंज चैंपियन बनने पर गर्व है। यह जीत कई युवाओं को प्रेरित करेगी।”
उन्होंने कोनेरु हम्पी के प्रयासों की भी सराहना करते हुए कहा:
“हम्पी ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार कौशल दिखाया। दोनों खिलाड़ियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं।”
दिव्या का बयान: “यह किस्मत और मेहनत दोनों का फल है”
फाइनल के बाद दिव्या ने कहा:
“मैं सिर्फ GM नॉर्म हासिल करना चाहती थी, लेकिन चैंपियन बन गई। यह मेरी मेहनत, परिवार के सहयोग और निरंतर अभ्यास का नतीजा है।”
परिवार में जश्न का माहौल
दिव्या की चाची डॉ. स्मिता देशमुख ने मीडिया को बताया:
“दिव्या की जीत उसके माता-पिता के बलिदान, कोचिंग और कठिन परिश्रम का परिणाम है। पूरा परिवार गर्व महसूस कर रहा है।”
हम्पी से भिड़ंत: जब अंडरडॉग ने दिग्गज को हराया
- कोनेरु हम्पी विश्व रैपिड चैंपियन रह चुकी हैं और क्लासिकल रैंकिंग में विश्व नंबर 5 हैं।
- दिव्या की रैंकिंग क्लासिकल में 18वीं, रैपिड में 22वीं थी।
- बावजूद इसके, दिव्या ने अनुभव और दबाव को मात देकर जीत हासिल की।
दिव्या का अब तक का सफर
- विश्व जूनियर चैंपियन 2024
- बुडापेस्ट शतरंज ओलंपियाड 2024 में भारत को स्वर्ण पदक जिताने में अहम भूमिका
- अब 2025 में विश्व चैंपियन का खिताब
- नागपुर की यह खिलाड़ी अब विश्व शतरंज मानचित्र पर भारत की नई पहचान बन चुकी हैं।
भारत में शतरंज की नई लहर
दिव्या देशमुख की जीत भारत में महिला शतरंज के लिए एक नई क्रांति की शुरुआत है।
यह जीत दिखाती है कि भारत में युवा प्रतिभाएं वैश्विक मंच पर मुकाबला करने और जीतने में सक्षम हैं।