पीएम मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत बरगद का पौधा लगाकर दी हरियाली को नई दिशा
"विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के भगवान महावीर वनस्थली पार्क में एक विशेष पौधरोपण अभियान का नेतृत्व किया। यह अभियान उनकी नई पर्यावरणीय पहल ‘एक पेड़ मां के नाम’ का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने बरगद का पौधा लगाकर प्रकृति और मातृत्व दोनों को सम्मानित किया।"
‘एक पेड़ मां के नाम’ का उद्देश्य और महत्व
इस पहल का मूल उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ माताओं का सम्मान करना है। इस अभियान के तहत लोग अपनी मां के नाम पर एक पौधा लगाकर न केवल प्रकृति की सेवा करते हैं, बल्कि अपने भावनात्मक रिश्ते को स्थायी स्मृति में बदलते हैं।
- प्रतीकात्मक भाव: एक पेड़ एक माँ की तरह होता है—जीवनदाता, रक्षक और पोषणकर्ता।
- समाज को संदेश: यह एक व्यक्तिगत कदम है लेकिन इसका सामाजिक और पारिस्थितिक प्रभाव बहुत व्यापक है।
- पर्यावरणीय योगदान: वृक्षारोपण से हरित आवरण बढ़ता है, प्रदूषण कम होता है और जलवायु परिवर्तन की दिशा में योगदान मिलता है।
अरावली ग्रीन वॉल परियोजना: पर्यावरणीय क्रांति की दिशा में भारत का कदम
यह पौधरोपण कार्यक्रम अरावली ग्रीन वॉल परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला—अरावली—को फिर से वनों से भरना है।
- लक्ष्य: दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के 29 जिलों में फैले 700 किमी के इलाके में हरित पट्टी तैयार करना।
- उद्देश्य:
- जैव विविधता को संरक्षित करना
- मिट्टी की उर्वरता में सुधार
- जल निकायों की रक्षा
- जलवायु परिवर्तन से निपटना
- स्थानीय समुदायों को रोजगार और आजीविका देना
यह परियोजना वनों के पुनर्स्थापन और कार्बन सिंक बढ़ाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।
पिछले वर्ष हुई थी पहल की शुरुआत
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत 5 जून 2024 को बुद्ध जयंती पार्क, नई दिल्ली में हुई थी। तब पीएम मोदी ने पीपल का पौधा लगाकर इसकी औपचारिक शुरुआत की थी। उस समय उन्होंने कहा था:
"वन क्षेत्र को बढ़ाना हमारे सतत विकास लक्ष्यों का मूल है और सामूहिक प्रयासों से ही हम इसमें सफल हो सकते हैं।"
हरित अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम: 200 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी
इस अवसर पर पीएम मोदी ने एक और अहम पहल की शुरुआत की। उन्होंने दिल्ली सरकार की सतत परिवहन योजना के तहत 200 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई।
- उद्देश्य:
- शहरी परिवहन को स्वच्छ बनाना
- कार्बन उत्सर्जन को कम करना
- शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार लाना
- लाभ:
- पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ावा
- हरित और टिकाऊ गतिशीलता का विस्तार
- ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा
‘एक पेड़ मां के नाम’ कैसे बन सकता है जन आंदोलन?
यह पहल यदि बड़े स्तर पर अपनाई जाए तो यह राष्ट्रीय हरित अभियान का रूप ले सकती है। इसके लिए आवश्यक कदम:
- स्कूलों और कॉलेजों में अभियान: विद्यार्थियों को मां के नाम पर पौधा लगाने के लिए प्रेरित करना।
- कॉरपोरेट सेक्टर में CSR के तहत भागीदारी: निजी कंपनियों को इसमें जोड़ना।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल: एक वेबसाइट या ऐप के माध्यम से पौधारोपण रजिस्ट्रेशन और ट्रैकिंग।
हर भारतीय कैसे दे सकता है योगदान?
- अपने घर या आसपास पौधा लगाएं।
- सोशल मीडिया पर फोटो साझा करें #EkPedMaaKeNaam के साथ।
- स्थानीय समुदाय में पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित करें।
- शहरों और गांवों में सामूहिक वृक्षारोपण अभियान चलाएं।
पर्यावरण दिवस पर पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा:
"जो प्रकृति की रक्षा करता है, प्रकृति उसकी रक्षा करती है। पर्यावरण संतुलन हमारी संस्कृति का हिस्सा है और हमें अपने प्रयासों को और गहरा करना चाहिए।"
यह संदेश हमें याद दिलाता है कि पर्यावरण रक्षा कोई वैकल्पिक कार्य नहीं, बल्कि हमारे अस्तित्व की प्राथमिकता है।
