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ईवी भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ता हुआ प्रचलन: 2025 तक 56.75 लाख पंजीकरण

“ईवी भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। फरवरी 2025 तक देश में कुल 56.75 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हो गया है। यह आंकड़ा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में भारत की आधुनिकीकरण प्रगति को दर्शाता है। सरकार के द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं और प्रोत्साहन की वजह से लोग अब इलेक्ट्रिक वाहनों को ज्यादा अपनाने लगे हैं। इस लेख में हम भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण 2025 की बढ़ती संख्या, सरकार की योजनाएं, और इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।”

इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकरण भारत में 2025 तक

इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रचलन भारत में अब एक आम बात हो गई है। 2025 तक 56.75 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हो गए हैं। यह संख्या साक्षी इस बात का प्रमाण है कि भारतीय उपभोक्ता अब परिवहन के लिए पर्यावरण-friendly चुनौती को समर्थन देने लगे हैं। यह परिवर्तन मात्र उपभोक्ताओं के मानसिकता का परिवर्तन नहीं है, मध्यम सरकार की सक्रिय नीतियों का भी परिणाम है।

भारत में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई है। 2025 में दोपहिया वाहनों की बिक्री 11.49 लाख यूनिट्स रही, जो पिछले साल के आंकड़े से 21 प्रतिशत अधिक थी। इससे यह स्पष्ट है कि लोग अब पारंपरिक पेट्रोल-डीजल वाहनों के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।

सरकार की नीतियां और योजनाएं

भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं। इसका मकसद न केवल प्रदूषण कम करना है, बल्कि भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ता और स्थायी परिवहन विकल्प प्रदान करना भी है। सरकार का यह लक्ष्य है कि 2030 तक कुल वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों का हिस्सा 30 प्रतिशत हो।

इसके लिए सरकार ने काफी महत्वपूर्ण योजनाएं भी शुरू की हैं, जिनमें कुछ प्रमुख योजनाएं जैसे फेम-2 (FAME-II), प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम, PM e-Drive और PM e-Bus सेवा शामिल हैं। इन योजनाओं के अन्तर्गत इलेक्ट्रिक वाहनों को वित्तीय सहायता और अनुदान प्रदान किए जा रहे हैं, जिस कारण इनकी कीमतें कम हो रही हैं और ये अधिक किफायती हो रहे हैं।

फेम-3 स्कीम: एक और कदम इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति

Looking at the success of फेम-2 स्कीम, the government has initiated फेम-3 योजना as well. Under this scheme, support is being provided to 16,29,600 electric vehicles. It includes दोपहिया, तिपहिया, चार पहिया वाहन and बस as well.

फेम-3 योजना का मकसद इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण को और भी बढ़ावा देना है। सरकार इस योजना के माध्यम से और अधिक लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति प्रभावित करने का काम कर रही है।

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार

साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग के साथ-साथ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का भी प्रयास जारी है। चार्जिंग स्टेशन शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगाए जा रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं को चार्जिंग के लिए किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।

भारत सरकार ने मार्च 2023 में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी तीन प्रमुख तेल कंपनियों को 7,432 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए 800 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की थी। इसके अतिरिक्त, मार्च 2024 में 980 चार्जिंग स्टेशनों के अपग्रेडेशन के लिए 73.50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मंजूरी दी गई थी।

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का यह विस्तार इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को न केवल बढ़ावा देगा, बल्कि उपभोक्ताओं को आसानी से चार्जिंग के लिए सुविधाएँ भी प्रदान करेगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य बहुत उज्जवल दिखता है। भारत सरकार द्वारा जो योजनाएं बनाई गई हैं, वे इस क्षेत्र में एक मजबूत बुनियाद रख रही हैं। इसके अलावा, पर्यावरणीय जागरूकता और वैश्विक प्रदूषण की समस्या के मद्देनजर, लोग अब इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक प्राथमिकता देने लगे हैं।

इसके साथ ही, ईवी की कीमतों में कमी और तकनीकल अपग्रेड द्वारा यह गाड़ियों का चयन अब और अधिक हॉइस्पिटल होता जा रहा है। आगामी वर्षों में ईवी पंजीकरण में और भी इंक्रीमेंट की संभावना है, और अगर यही ट्रेंड बना रहा है, तो 2030 तक भारत अपने लक्ष्य को आसानी से पूरा कर पाएगा।

इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकरण भारत में 2025 तक 56.75 लाख जो इस क्षेत्र में भारत की सफलता को स्पष्ट करता है। सरकार के योजनाओं और बढ़ते पर्यावरण जनचेतना के बाद लोग अब इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रहे हैं। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का बढ़ावा, खुदमायारी और सरकार की सक्रिय नीतयां इस को और भी अधिक गति प्रदान कर रही हैं।

भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग आने वाले समय में और भी आगे बढ़ेगा, और यह न सिर्फ पर्यावरण की बचत करने में सहायता प्रदान करेगा, भारतीय उपभोक्ताओं को ह्यूमन, ईमानदार और सुरक्षित यातायात विकल्प देगा।

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सुनील शर्मा

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