फेम-II स्कीम के तहत 16 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों को मिला इंसेंटिव, ईवी क्रांति को बढ़ावा
“केंद्र सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने और उनका तेजी से अपनाने के लिए फेम-II स्कीम (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) के तहत अब तक 16.15 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को इंसेंटिव प्रदान किया है। इस स्कीम का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करना और देश को हरित ऊर्जा की ओर ले जाना है।”
इंसेंटिव प्राप्त वाहनों की संख्या
फेम-II स्कीम के तहत इंसेंटिव पाने वाले वाहनों की श्रेणी और संख्या इस प्रकार है:
- इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन: 14.27 लाख।
- इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन: 1.59 लाख।
- इलेक्ट्रिक गाड़ियां (कारें): 22,548।
- ई-बसें: 5,131।
फेम-II स्कीम का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और उपयोग को प्रोत्साहित करना है, ताकि देश में कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके। इसके अतिरिक्त, यह योजना:
- सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने के लिए ई-बसों का समर्थन करती है।
- इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ता बनाने के लिए उपभोक्ताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
- भारत में ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को गति देती है।
योजना का प्रभाव
- कार्बन उत्सर्जन में कमी: इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से वायु प्रदूषण कम होगा और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- सुरक्षित ऊर्जा स्रोत: यह योजना देश को जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और हरित ऊर्जा की ओर बढ़ने में मदद करेगी।
- स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा: इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन से घरेलू उत्पादन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
फेम-II स्कीम के तहत प्रगति
सरकार ने इस योजना के तहत देशभर में ईवी चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क को भी मजबूत किया है।
- चार्जिंग स्टेशन: सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं।
- आर्थिक बचत: ईवी उपयोगकर्ताओं को फ्यूल की बढ़ती कीमतों से राहत मिल रही है।
आगे की राह
सरकार की योजना फेम-II स्कीम को और विस्तार देने और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की है। 2030 तक भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों का वैश्विक हब बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
फेम-II स्कीम भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए लाभदायक है, बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत करती है। सरकार की यह योजना भारत को हरित और स्वच्छ भविष्य की ओर ले जाने में मील का पत्थर साबित हो रही है।