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मध्यप्रदेश में आधुनिक मुख्य डाकघर की आधारशिला रखी गई, 2.1 करोड़ रुपये की लागत से होगा निर्माण

“ग्वालियर: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर में 2.1 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले आधुनिक मुख्य डाकघर की आधारशिला रखी। इस परियोजना का उद्देश्य डाक सेवाओं को और अधिक आधुनिक और सुलभ बनाना है, जिससे क्षेत्र के लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।”

आधुनिक डाकघर का निर्माण: एक बड़ी पहल

इस नए मुख्य डाकघर का निर्माण अत्याधुनिक तकनीकों के साथ किया जाएगा। इसमें न केवल डाक सेवाओं को डिजिटल और तेज़ बनाया जाएगा, बल्कि ग्राहकों की सुविधाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी। यह परियोजना सरकार की “डिजिटल इंडिया” और “स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर” पहल का हिस्सा है।

परियोजना की विशेषताएं

  1. आधुनिक सुविधाएं: डाकघर में ई-कॉमर्स, डिजिटल ट्रांजेक्शन, और अन्य सेवाओं के लिए अत्याधुनिक उपकरण और सॉफ्टवेयर लगाए जाएंगे।
  2. सुलभता: ग्राहकों के लिए डिजिटल लेनदेन और ट्रैकिंग सेवाएं पहले से अधिक सरल और तेज़ होंगी।
  3. पर्यावरण अनुकूल निर्माण: डाकघर का निर्माण ग्रीन बिल्डिंग मानकों के तहत किया जाएगा, जो पर्यावरण के अनुकूल होगा।

स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस परियोजना से ग्वालियर और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा, यह स्थानीय व्यवसायों और ई-कॉमर्स को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि आधुनिक डाक सेवाएं व्यवसायों की डिलीवरी और लेन-देन प्रक्रिया को तेज करेंगी।

डाक सेवाओं के आधुनिकीकरण पर सरकार का ध्यान

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह परियोजना डाक सेवाओं को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि देशभर में डाकघरों को डिजिटल सेवाओं से लैस किया जा रहा है, ताकि हर वर्ग के लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।

भविष्य की योजनाएं

  • डाकघरों को और अधिक डिजिटल बनाने के लिए नई योजनाओं का क्रियान्वयन।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए नए डाकघरों का निर्माण।
  • पारंपरिक डाक सेवाओं के साथ-साथ आधुनिक बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराना।

ग्वालियर में 2.1 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह आधुनिक मुख्य डाकघर क्षेत्र के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात है। यह परियोजना न केवल डाक सेवाओं को बेहतर बनाएगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास और डिजिटल भारत के लक्ष्यों को पूरा करने में भी सहायक होगी।

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