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गजा घंटाकर्ण महोत्सव की शुरुआत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की, सांस्कृतिक समृद्धि के साथ विकास की राह खुली

“मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया गजा घंटाकर्ण महोत्सव का शुभारंभ”

गजा घंटाकर्ण महोत्सव का पहला आयोजन आज उत्तराखंड के टिहरी जिले की नगर पंचायत गजा में भव्य रूप से शुरू हुआ। अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज के परिसर में आयोजित इस तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव का उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया।

उन्होंने उद्घाटन के दौरान कहा कि “महोत्सव केवल मनोरंजन या परंपरा का प्रतीक नहीं होते, बल्कि ये हमारी सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक विकास के भी सशक्त माध्यम हैं।”


गजा घंटाकर्ण महोत्सव: संस्कृति और परंपरा का उत्सव

गजा घंटाकर्ण महोत्सव उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति को सामने लाने का एक नया प्रयास है। इस महोत्सव में न सिर्फ पारंपरिक लोकनृत्य और संगीत की प्रस्तुतियां की जाएंगी, बल्कि स्थानीय हस्तशिल्प, खानपान और लोककलाओं को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे आयोजनों से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था सशक्त होती है।


मुख्यमंत्री ने किया विभिन्न विभागों के स्टॉलों का निरीक्षण

इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण भी किया। इन स्टॉलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास और पर्यटन से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी जा रही थी। उन्होंने कहा कि “सरकारी योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाना शासन की प्राथमिकता है।”


गजा घंटाकर्ण महोत्सव की विशेषताएं

गजा घंटाकर्ण महोत्सव को उत्तराखंड की सांस्कृतिक विविधता, धार्मिक आस्था और ग्रामीण जीवन की झलक के रूप में पेश किया जा रहा है। इस महोत्सव की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • घंटाकर्ण देवता की पूजा-अर्चना: क्षेत्रीय श्रद्धा के केंद्र, देवता घंटाकर्ण की पूजा के साथ महोत्सव की शुरुआत हुई।
  • लोक नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां: गढ़वाली और जौनसारी लोक कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किए।
  • स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी: हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद, और पारंपरिक व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए हैं।
  • पर्यटन को बढ़ावा: महोत्सव का उद्देश्य धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को प्रोत्साहित करना भी है।

मुख्यमंत्री ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा,

“महोत्सव हमारी संस्कृति के वाहक होते हैं। इनके माध्यम से अब विकास के नए मार्ग भी खुल रहे हैं। गजा घंटाकर्ण महोत्सव जैसे आयोजन पर्यटन को बढ़ावा देंगे, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार और गांवों को नई पहचान मिलेगी।”


संस्कृति और पर्यटन का मिलन

गजा घंटाकर्ण महोत्सव के आयोजन से टिहरी जिले के गजा क्षेत्र को एक सांस्कृतिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने इस महोत्सव को अपनी पर्यटन योजना में विशेष स्थान देने की बात कही है।


गजा घंटाकर्ण महोत्सव के आयोजन से स्थानीय उम्मीदें

स्थानीय लोगों ने महोत्सव को लेकर उत्साह जताया। गांव की महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में स्वागत गीत गाया, जबकि बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। स्थानीय युवाओं ने उम्मीद जताई कि इस तरह के आयोजन हर साल होंगे जिससे गांव की पहचान राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचेगी।

गजा घंटाकर्ण महोत्सव केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक अस्मिता और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति और सहयोग से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार इस प्रकार के आयोजनों को लेकर गंभीर है और इनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रही है।

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