असम की मशहूर गायिका गायत्री हजारिका का कैंसर से निधन, संगीत जगत में शोक की लहर
“असम की संगीत दुनिया को बड़ा झटका – गायत्री हजारिका का निधन”
गायत्री हजारिका का निधन असम की संगीत दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति है। मात्र 44 वर्ष की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका निधन एक लम्बी बीमारी – कैंसर – से लड़ते हुए हुआ। उन्होंने असमी संगीत को नई पहचान दिलाई और हजारों लोगों के दिलों में अपनी आवाज से जगह बनाई।
गायत्री हजारिका की संगीत यात्रा – एक प्रेरणादायक सफर
असम की यह बहुमुखी गायिका बचपन से ही संगीत में रुचि रखती थीं। उन्होंने पारंपरिक असमी लोकगीतों के साथ-साथ आधुनिक गीतों में भी अपना नाम कमाया।
- उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर कई कार्यक्रमों में प्रस्तुति दी।
- उनका गायन असमी जनता के बीच काफी लोकप्रिय था।
- गायत्री ने कई पुरस्कार भी जीते जो उनकी प्रतिभा को दर्शाते हैं।
कैंसर से लड़ाई – साहस और संघर्ष की मिसाल
गायत्री हजारिका का निधन केवल एक कलाकार की मृत्यु नहीं है, बल्कि यह एक महिला की वीरता की कहानी भी है। वह पिछले कुछ वर्षों से कैंसर से जूझ रही थीं।
- इलाज के दौरान उन्होंने कई बार मंच पर वापसी की।
- उनके परिवार और चाहने वालों ने इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी।
- सोशल मीडिया पर उनके लिए प्रार्थनाओं की बाढ़ आ गई थी।
असमी संगीत को नई दिशा देने वाली कलाकार
गायत्री हजारिका का योगदान केवल गायन तक सीमित नहीं था। उन्होंने संगीत शिक्षा के क्षेत्र में भी कार्य किया।
- युवाओं को संगीत सिखाने के लिए उन्होंने वर्कशॉप और क्लासेस शुरू कीं।
- पारंपरिक असमी संगीत को आधुनिक तकनीक के साथ प्रस्तुत किया।
- उनके गीतों में गहराई और भावनात्मक जुड़ाव साफ झलकता था।
गायत्री हजारिका की यादें – प्रशंसकों की नजरों में
उनके प्रशंसकों और सहकर्मियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दी। कई प्रसिद्ध कलाकारों ने उनकी मौत पर शोक व्यक्त किया।
- “गायत्री दी की आवाज दिल को छू जाती थी।”
- “उन्होंने असम की कला और संस्कृति को जिंदा रखा।”
- “उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी।”
गायत्री हजारिका के प्रमुख गीत और उपलब्धियाँ
गायत्री हजारिका का निधन उनके अद्भुत संगीत की विरासत को खत्म नहीं कर सकता। उनके द्वारा गाए गए कई गीत आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं।
- “Xoru Xoru Premor” – उनका प्रसिद्ध लोकगीत
- “Jonaki Raati” – रेडियो पर हिट हुआ गीत
- असम सरकार द्वारा संगीत क्षेत्र में सम्मानित किया गया था
- महिला कलाकारों के लिए रोल मॉडल बन गई थीं
गायिका का पारिवारिक जीवन और व्यक्तिगत संघर्ष
गायत्री अपने परिवार की प्यारी सदस्य थीं। उनके परिवार में पति और दो बच्चे हैं। उनके निधन के बाद पूरा परिवार शोक में है।
- परिवार ने बताया कि उन्होंने अंतिम समय तक हिम्मत नहीं हारी।
- बच्चों के लिए वह एक आदर्श माँ थीं।
अंतिम संस्कार और अंतिम विदाई
उनका अंतिम संस्कार गुवाहाटी में किया गया। बड़ी संख्या में लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुँचे। संगीत और संस्कृति जगत की कई हस्तियां वहां मौजूद थीं।
- अंतिम यात्रा में उनके प्रसिद्ध गीतों को बजाया गया।
- लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।