आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाकर लौटा भारत का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल
"भारत ने एक बार फिर दुनिया के सामने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। जदयू सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने पांच देशों की यात्रा पूरी करके बुधवार को दिल्ली वापसी की। इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य था – आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाना।"
ऑपरेशन सिंदूर के बाद शुरू हुई थी यात्रा
इस महत्वपूर्ण यात्रा की पृष्ठभूमि बनी 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक कार्रवाई की। उसके बाद यह प्रतिनिधिमंडल सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे रणनीतिक देशों की यात्रा पर गया।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुट भारत का संदेश
दिल्ली लौटने पर संजय कुमार झा ने बताया कि यह यात्रा कई मायनों में सफल रही। सबसे पहले, इस प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट रूप से दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत में राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ हम सभी एक हैं।
वैश्विक मंच पर भारत की मजबूती
झा के अनुसार, यात्रा के दौरान सभी देशों ने एक स्वर में पहलगाम हमले की निंदा की और भारत की संयमित और सटीक कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति लौट रही है, उड़ानें दोबारा शुरू हो चुकी हैं और राज्य में कैबिनेट की बैठकें हो रही हैं।
एफएटीएफ से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग
प्रतिनिधिमंडल ने अपने दौरों के दौरान यह भी आग्रह किया कि एफएटीएफ (FATF) को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए। यह मांग इसलिए जरूरी थी क्योंकि हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों की संलिप्तता स्पष्ट थी।
सभी दलों के सांसद रहे शामिल
यह यात्रा खास इसलिए भी रही क्योंकि इसमें भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता एक मंच पर थे। प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे:
- संजय कुमार झा (जदयू)
- अपराजिता सारंगी, बृजलाल, हेमांग जोशी (भाजपा)
- अभिषेक बनर्जी (टीएमसी)
- सलमान खुर्शीद (कांग्रेस)
- जॉन ब्रिटास (सीपीआई-एम)
- मोहन कुमार (राजदूत)
एकजुटता का प्रदर्शन
भाजपा सांसद हेमांग जोशी ने कहा कि यह मिशन दुनिया को यह दिखाने के लिए था कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। वहीं बृजलाल ने इस यात्रा को “बहुत ही फलदायी” करार दिया।
क्षेत्रीय शांति और विकास पर जोर
सांसद जॉन ब्रिटास के अनुसार, इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य अन्य देशों को आतंकवाद की भयावहता के प्रति जागरूक करना और उन्हें इस लड़ाई में भारत का समर्थन करने के लिए प्रेरित करना था। उन्होंने कहा कि यह यात्रा क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और आर्थिक विकास के भारत के प्रयासों को भी प्रतिबिंबित करती है।
भारत की रणनीति को मिली वैश्विक स्वीकृति
इस यात्रा से यह भी स्पष्ट हुआ कि भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को वैश्विक समुदाय का समर्थन मिल रहा है। जापान से लेकर इंडोनेशिया तक, सभी देशों ने भारत की संयमित और सटीक रणनीति की सराहना की।
"आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने की इस कोशिश ने भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को और मजबूत किया है। यह सिर्फ एक कूटनीतिक मिशन नहीं था, बल्कि यह संदेश था कि आतंक के विरुद्ध भारत हर स्तर पर कार्रवाई करेगा — और वह अकेला नहीं, बल्कि वैश्विक समुदाय के साथ मिलकर करेगा।"