राज्यपाल रमेन डेका ने कोण्डागांव में टीबी मरीजों को दी पोषण टोकरी, स्वस्थ छत्तीसगढ़ की दिशा में कदम
“कोण्डागांव, छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए राज्यपाल रमेन डेका ने चार टीबी मरीजों को पोषण टोकरी भेंट की। इस पहल का मकसद है टीबी जैसे गंभीर संक्रमण से जूझ रहे मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना।”
राज्यपाल के इस मानवीय प्रयास की सराहना पूरे क्षेत्र में की जा रही है। कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना, कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना और एसपी वाय अक्षय कुमार जैसे अधिकारी भी उपस्थित थे।
पोषण टोकरी का उद्देश्य – रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार
टीबी मरीजों को पोषण टोकरी देने का प्रमुख उद्देश्य उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाना है। इसमें प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं जो शरीर को संक्रमण से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। इन टोकरियों में दालें, ड्राई फ्रूट्स, घी, दलिया, मूंगफली और अन्य पौष्टिक सामग्री दी जाती है।
राज्यपाल रमेन डेका की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति संवेदनशीलता
राज्यपाल रमेन डेका का यह दौरा केवल प्रतीकात्मक नहीं था, बल्कि यह दिखाता है कि छत्तीसगढ़ सरकार और उच्च अधिकारी टीबी जैसी बीमारियों के खिलाफ सक्रिय हैं। उन्होंने मरीजों से संवाद कर उनकी स्वास्थ्य स्थिति को समझा और उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ है।
स्वास्थ्य विभाग की यह योजना क्यों है महत्वपूर्ण
छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में जहां आदिवासी क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों में टीबी के मामले सामने आते रहते हैं, वहां पोषण समर्थन देने की यह नीति बहुत प्रभावशाली साबित हो सकती है। सही पोषण टीबी की दवा के साथ-साथ रोगी की रिकवरी में अहम भूमिका निभाता है।
पोषण और स्वास्थ्य के बीच संबंध
टीबी से लड़ने के लिए केवल दवा ही नहीं, बल्कि अच्छा आहार भी आवश्यक होता है। जिन मरीजों को पोषण टोकरी दी गई, उनमें से कई कमजोर स्थिति में थे। विशेषज्ञों का मानना है कि पोषण की कमी टीबी की गंभीरता को बढ़ा सकती है।
कोण्डागांव में टीबी मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा से जोड़ने का प्रयास
राज्यपाल के प्रयासों से यह स्पष्ट है कि सरकार केवल शहरों में ही नहीं, बल्कि दूरस्थ जिलों में भी स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना चाहती है। कोण्डागांव जैसे क्षेत्र में टीबी मरीजों को पोषण टोकरी देना एक बड़ा सकारात्मक संकेत है।
कार्यक्रम में अधिकारियों की भागीदारी
इस आयोजन में जिला प्रशासन की सक्रिय भागीदारी देखी गई। कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना और एसपी वाय अक्षय कुमार ने राज्यपाल के साथ मिलकर मरीजों की स्थिति का जायजा लिया और यह भी सुनिश्चित किया कि उन्हें आगे भी नियमित पोषण सहायता मिलती रहे।
सरकार की अन्य योजनाएं और स्वास्थ्य पहल
छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते कुछ वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र में कई योजनाएं शुरू की हैं जैसे:
- मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना
- टीबी मुक्त भारत अभियान
- जन औषधि केंद्र
इन सभी योजनाओं का मकसद आम लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा देना है।
क्या है टीबी और क्यों जरूरी है पोषण समर्थन
टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) एक संक्रामक रोग है जो फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसकी प्रमुख वजह है कमजोर प्रतिरोधक क्षमता। यदि मरीज को संतुलित और प्रोटीन युक्त आहार दिया जाए, तो दवा का असर तेज होता है और मरीज जल्दी ठीक हो सकता है।
पोषण टोकरी योजना – एक उदाहरणात्मक पहल
राज्यपाल रमेन डेका द्वारा कोण्डागांव में शुरू की गई यह पहल अन्य जिलों के लिए उदाहरण बन सकती है। यदि हर जिले में इसी तरह टीबी मरीजों को पोषण सहायता दी जाए, तो टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य तेजी से प्राप्त हो सकता है।
टीबी मरीजों को पोषण टोकरी – छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवा की नई दिशा
टीबी मरीजों को पोषण टोकरी देकर राज्यपाल ने यह संदेश दिया है कि हर नागरिक का स्वास्थ्य सरकार की प्राथमिकता है। यह प्रयास न केवल मरीजों के लिए संबल है, बल्कि प्रशासनिक प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।