पॉपकॉर्न पर जीएसटी: फ्लेवर के हिसाब से तय हुआ नया टैक्स स्लैब
“जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में पॉपकॉर्न पर लगने वाले टैक्स को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब पॉपकॉर्न पर 5%, 12%, और 18% तक जीएसटी लगेगा, जो इसके फ्लेवर और पैकेजिंग पर निर्भर करेगा। यह फैसला उपभोक्ताओं की जेब पर अलग-अलग तरीके से असर डाल सकता है। आइए जानते हैं कि पॉपकॉर्न पर जीएसटी का यह नया स्लैब कैसे काम करेगा।”
तीन प्रकार के टैक्स स्लैब
- 5% जीएसटी:
- बिना फ्लेवर वाले या सादे पॉपकॉर्न पर 5% जीएसटी लगाया जाएगा।
- यह घरेलू इस्तेमाल के लिए तैयार किए गए सामान्य पॉपकॉर्न पर लागू होगा।
- 12% जीएसटी:
- हल्के फ्लेवर जैसे बटर या साधारण मसालों वाले पॉपकॉर्न पर 12% टैक्स लगेगा।
- यह स्लैब उन पॉपकॉर्न पर लागू होगा जो ब्रांडेड और पैकेज्ड फॉर्म में बिकते हैं।
- 18% जीएसटी:
- कारमेल, चीज़, या अन्य प्रीमियम फ्लेवर वाले पॉपकॉर्न पर 18% टैक्स तय किया गया है।
- यह महंगे और गोरमेट पॉपकॉर्न के लिए है, जो आमतौर पर सिनेमाघरों और कैफे में मिलता है।
आपकी जेब पर असर
जीएसटी काउंसिल के इस फैसले से पॉपकॉर्न की कीमत में बदलाव होगा। खासकर प्रीमियम फ्लेवर वाले पॉपकॉर्न अब और महंगे हो सकते हैं। वहीं, सादे पॉपकॉर्न की कीमत में ज्यादा बदलाव नहीं होगा।
उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर उपभोक्ताओं की मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है। कुछ लोग इसे जायज ठहरा रहे हैं, जबकि कुछ इसे अनावश्यक मानते हैं। खासतौर पर सिनेमा जाने वाले दर्शकों पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का कहना है कि यह टैक्स स्लैब पॉपकॉर्न के विभिन्न प्रकारों के बीच स्पष्टता लाने और राजस्व संग्रह में सुधार के लिए लागू किया गया है।
नतीजा
अगर आप पॉपकॉर्न के शौकीन हैं, तो यह फैसला आपके बजट पर असर डाल सकता है। फ्लेवर चुनने से पहले नई टैक्स दरों को ध्यान में रखना जरूरी होगा।