नई ऊर्जा के साथ लौट रहा है ‘हर घर तिरंगा’ अभियान: 79वें स्वतंत्रता दिवस पर सरकार की भावनात्मक अपील
‘हर घर तिरंगा’ बना जन आंदोलन: स्वतंत्रता दिवस 2025 पर फिर से जोश में देश
“भारत सरकार की ओर से शुरू की गई ‘हर घर तिरंगा’ अभियान अब एक सरकारी योजना से आगे बढ़कर एक जन आंदोलन का रूप ले चुकी है। यह पहल साल 2022 में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत शुरू हुई थी और तब से लेकर अब तक करोड़ों भारतीयों ने इसमें भागीदारी निभाई है। इस वर्ष, जब देश 15 अगस्त 2025 को 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, भारतीय संस्कृति मंत्रालय ने एक बार फिर इस अभियान को नई ऊर्जा और उत्साह के साथ आगे बढ़ाने का आह्वान किया है।”
संस्कृति मंत्रालय की अपील: हर घर फहराएं तिरंगा
संस्कृति मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए नागरिकों से कहा,
“हर घर तिरंगा अभियान में शामिल हों और देशभक्ति की भावना जगाएं। तिरंगा स्वयंसेवक बनें और दूसरों को प्रेरित करें कि वे 15 अगस्त तक अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएं। अपनी ‘सेल्फी विद तिरंगा’ वेबसाइट पर अपलोड करें।”
यह अपील सिर्फ एक अनुरोध नहीं, बल्कि ‘एक राष्ट्रगान, एक झंडा और एक राष्ट्र’ की भावना को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है।
हर साल बढ़ती जा रही है लोगों की भागीदारी
2022: अभियान की शुरुआत
- 23 करोड़ परिवारों ने अपने घरों में तिरंगा फहराया।
- 6 करोड़ सेल्फी ‘हर घर तिरंगा’ वेबसाइट पर अपलोड की गईं।
- डाक विभाग ने देश के दूर-दराज के क्षेत्रों तक तिरंगा पहुंचाया।
2023: रिकॉर्ड तोड़ भागीदारी
- 10 करोड़ से अधिक लोगों ने सेल्फी अपलोड की।
- चंडीगढ़ में 5,885 लोगों की भागीदारी से गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना — ‘राष्ट्रीय ध्वज लहराती हुई दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला’।
2024: उत्साह बरकरार
- 5 करोड़ से अधिक लोगों ने सेल्फी वेबसाइट पर साझा की।
- अभियान ने डिजिटल और भौतिक दोनों स्तरों पर देशभक्ति की लहर पैदा की।
तिरंगा: सिर्फ एक ध्वज नहीं, आत्मगौरव का प्रतीक
भारत का राष्ट्रीय ध्वज सिर्फ एक रंगीन कपड़ा नहीं है, बल्कि यह त्याग, साहस, और शांति का प्रतीक है। 'हर घर तिरंगा' अभियान का मुख्य उद्देश्य हर नागरिक को यह याद दिलाना है कि इस ध्वज के पीछे देश की आज़ादी की एक लंबी, प्रेरणादायक कहानी छुपी हुई है।
डिजिटल सहभागिता: तकनीक से जुड़ा देशभक्ति का जज़्बा
‘हर घर तिरंगा’ अभियान ने देशभक्ति को डिजिटल स्पेस में भी पहुंचाया है।
- सेल्फी विद तिरंगा वेबसाइट एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गई है, जहां लोग न केवल अपनी तस्वीरें साझा करते हैं, बल्कि देश के प्रति अपने प्रेम को खुलेआम व्यक्त करते हैं।
- पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद आसान है — कोई भी व्यक्ति वेबसाइट पर जाकर स्वयंसेवक बन सकता है और दूसरों को भी अभियान से जोड़ सकता है।
बच्चों और युवाओं में उत्साह
इस अभियान का एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि बच्चे और युवा वर्ग भी बड़े उत्साह के साथ जुड़ रहे हैं। स्कूलों में झंडा वितरण, क्विज़, भाषण प्रतियोगिताएं और तिरंगा रैलियों के माध्यम से बच्चों में राष्ट्रभक्ति का बीज बोया जा रहा है।
डाक विभाग की भूमिका
‘हर घर तिरंगा’ को हर कोने तक पहुंचाने में भारतीय डाक विभाग ने एक अहम भूमिका निभाई है।
- तिरंगा झंडा हर घर तक पहुंचाने के लिए विशेष वितरण प्रणाली बनाई गई।
- गांव-देहात और पहाड़ी इलाकों तक तिरंगे की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की गई।
सरकार की भविष्य की योजना
संस्कृति मंत्रालय इस अभियान को हर साल एक स्थायी राष्ट्र अभियान के रूप में जारी रखने की योजना बना रहा है। लक्ष्य है कि हर भारतीय नागरिक को तिरंगे के महत्व और राष्ट्रभक्ति की भावना से जोड़ा जाए।
“‘हर घर तिरंगा’ अभियान अब केवल एक आयोजन नहीं रहा, यह भारत के नागरिकों के दिलों की देशभक्ति की अभिव्यक्ति बन चुका है। यह एक ऐसा आंदोलन है जिसमें हर वर्ग, हर उम्र, और हर क्षेत्र के लोग शामिल हो सकते हैं। 79वें स्वतंत्रता दिवस पर, आइए हम सब अपने घरों पर तिरंगा फहराएं, सेल्फी लें, और इस ऐतिहासिक पहल का हिस्सा बनें। यह सिर्फ एक झंडा फहराना नहीं है — यह राष्ट्र को सलाम करने का अवसर है।