हार्तालिका तीज 2025: हार्तालिका तीज का व्रत केवल शुभ समय पर मनाने से फलदायी होता है।
“हार्तालिका तीज 2025 के दौरान पूजा करने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस समय भगवान शिव और माता पार्वती के लिए rituals करने से विवाहित जीवन में खुशहाली, शांति और समृद्धि आती है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन बिना भोजन और पानी के उपवासी रहती हैं। पूजा के मुख्य चरण इस प्रकार हैं:- सुबह जल्दी स्नान करें और उपवासी रहने का संकल्प लें।- पूजा स्थल को साफ करें और शिव, पार्वती और गणेश की मूर्तियाँ स्थापित करें।”
भगवान शिव को बेल पत्र, डटूरा और अश्वत्थ का अर्पण करें। ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान देने से उपवास टूटता है। सुबह के तारे का कहना है कि इस उपवास के लिए पूजा विधि में भक्ति और विश्वास सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। उपवास की एक महत्वपूर्ण कथा है। कथा के अनुसार, जब माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने का संकल्प लिया, तो उन्होंने कठोर तपस्या शुरू की। उनकी मित्र ने उन्हें जंगल में ले जाकर तप किया। देवी की दृढ़ तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
यह कथा सिखाती है कि ईमानदारी से किए गए प्रयास और दृढ़ संकल्प कभी व्यर्थ नहीं जाते।
2025 में महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण महत्व विश्वास और भावनाओं में गहराई से निहित है। विवाहित महिलाएं इस उपवास को अपने पतियों के लंबे जीवन और
marital सुख के लिए देखती हैं, जबकि अविवाहित लड़कियां उचित जीवनसाथी की खोज के लिए उपवास करती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में, महिलाएं तीज के गीत गाती हैं, झूला झूलती हैं।