बल्ह विधानसभा क्षेत्र के चेलहार माता मंदिर में हंडिबा मेले का भव्य आयोजन, देवी-देवताओं का हुआ संगम
“हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के बल्ह विधानसभा क्षेत्र में स्थित चेलहार माता मंदिर में दो दिवसीय हंडिबा मेले का शुभारंभ धूमधाम से हुआ। इस बार मेले की शुरुआत मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने विधिवत पूजा-अर्चना के साथ की।”
इस आयोजन की खासियत यह रही कि द्वापर युग से स्थापित इस मंदिर में, परंपरा के अनुसार, देवी-देवताओं का भव्य मिलन हुआ।
चेलहार माता मंदिर का इतिहास और महत्व
चेलहार माता मंदिर का इतिहास द्वापर युग से जुड़ा है। लोक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में माता स्वयं प्रकट हुई थीं। वर्षों से यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र रहा है। मंदिर का हाल ही में माता के आदेशानुसार जीर्णोद्धार भी किया गया है। जीर्णोद्धार के बाद से हर साल हंडिबा मेले और देव मिलन का भव्य आयोजन होता है।
देवी-देवताओं का भव्य मिलन और शोभायात्रा
इस वर्ष भी, परंपरा का पालन करते हुए, कुल 12 देवी-देवताओं ने इस धार्मिक मिलन में भाग लिया। रिवालसर क्षेत्र में देवी-देवताओं का भव्य स्वागत हुआ और इसके बाद एक विशाल शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा की अध्यक्षता स्वयं उपायुक्त अपूर्व देवगन ने की। शोभायात्रा में पारंपरिक वाद्य यंत्रों की धुन, श्रद्धालुओं के जयकारे और रंग-बिरंगे परिधानों ने एक अलौकिक वातावरण उत्पन्न कर दिया।
हंडिबा मेले के मुख्य आकर्षण
- विशाल जागरण: मेले के पहले दिन भक्ति संध्या और जागरण का आयोजन किया गया, जिसमें प्रसिद्ध गायकों ने माता की भक्ति में सुरों की मधुर गंगा बहाई।
- भंडारा सेवा: दूसरे दिन विशाल भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
- परंपरागत नृत्य और संगीत: मेले के दौरान स्थानीय कलाकारों ने हिमाचली नृत्य और लोक गीतों से सभी का मन मोह लिया।
चेलहार माता मंदिर हंडिबा मेले का धार्मिक और सामाजिक महत्व
चेलहार माता मंदिर हंडिबा मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को सहेजने का भी माध्यम बन चुका है। यहां हर वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलता है।
यह मेला समुदाय के बीच एकता, आस्था और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक बन गया है।
डीसी मंडी अपूर्व देवगन की शुभकामनाएं
डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने मेले के सफल आयोजन पर खुशी जताई और आयोजकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को बल देते हैं, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देते हैं।