हिमाचल में बारिश का कहर: 338 सड़कें बंद, मंडी और कुल्लू सबसे ज्यादा प्रभावित
हिमाचल बारिश का कहर: हालात बिगड़ते जा रहे
“हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने लोगों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश ने जहां जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, वहीं पहाड़ी जिलों में भूस्खलन, सड़क अवरोध और बिजली कटौती जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के राज्य आपात संचालन केंद्र (SEOC) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है।”
338 सड़कें बंद, यातायात ठप
शुक्रवार सुबह
10 बजे तक जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कुल
338 सड़कें पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं। इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं।
एनएच-
305बालीचौकी और गजाधार में भूस्खलन के कारण बंद पड़ा है।
कई वैकल्पिक मार्ग भी बाधित हो गए हैं, जिससे लोगों की आवाजाही रुक गई है।
सबसे ज्यादा प्रभावित जिला मंडी है, जहां
165 सड़कें बंद हैं। इसके बाद कुल्लू में
123 सड़कें और कांगड़ा में
21 सड़कें प्रभावित हुई हैं।
बिजली आपूर्ति बाधित, ट्रांसफॉर्मर ठप
बिजली व्यवस्था पर भी बारिश का गहरा असर पड़ा है। राज्य में
132 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर
(DTR) बंद हो गए हैं।
- सबसे ज्यादा असर कुल्लू में देखा गया है, जहां 77 ट्रांसफॉर्मर ठप हैं।
- मंडी जिले में भी कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।
- कांगड़ा के धर्मशाला, नूरपुर और देहरा उपमंडलों में बिजली बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित
बारिश और भूस्खलन से जलापूर्ति व्यवस्था भी चरमरा गई है।
- राज्य में 141 जल योजनाएं ठप हो गई हैं।
- मंडी जिले में सबसे ज्यादा 54 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
- कांगड़ा जिले में 8 योजनाएं बाधित हुई हैं।
इस वजह से कई क्षेत्रों में लोगों को पानी की भारी किल्लत झेलनी पड़ रही है।
राहत और बहाली का काम जारी
बारिश से बाधित सड़कों को खोलने के लिए पीडब्ल्यूडी की टीमें, बिजली बहाली के लिए बिजली बोर्ड के कर्मचारी और जलापूर्ति सुधारने के लिए जल शक्ति विभाग के अधिकारी लगातार काम कर रहे हैं। लेकिन लगातार हो रही बारिश और नए भूस्खलन की आशंका राहत कार्य में बाधा बन रही है।
मंडी और कुल्लू सबसे ज्यादा प्रभावित
इस बार के मानसून में मंडी और कुल्लू जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
- मंडी में 165 सड़कें और 54 जल योजनाएं बंद पड़ी हैं।
- कुल्लू में 123 सड़कें और 77 ट्रांसफॉर्मर प्रभावित हुए हैं।
इन दोनों जिलों में जनजीवन लगभग ठप हो चुका है।
कांगड़ा में स्थिति गंभीर
कांगड़ा जिला भी इस बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
- यहां 21 सड़कें बंद हैं।
- कई उपमंडलों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हुई है।
अब तक 2,28,226.86 लाख का नुकसान
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, इस मानसून सीजन में अब तक भारी जनहानि और संपत्ति का नुकसान हुआ है।
- अब तक कुल वित्तीय नुकसान का आंकड़ा 2,28,226.86 लाख रुपये से अधिक आंका गया है।
- सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
- फसलों और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है।
- सड़कों, पुलों और सार्वजनिक ढांचे को नुकसान से राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ा है।
लगातार बारिश से खतरा बढ़ा
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश के कारण भूस्खलन और फ्लैश फ्लड का खतरा लगातार बना हुआ है। कई जगहों पर जमीन धंसने और पहाड़ से मलबा गिरने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इससे सड़कें और घर दोनों खतरे में हैं।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें। विशेषकर पहाड़ी और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों में जाने से रोका गया है। यात्रियों और पर्यटकों को भी सावधानी बरतने और मौसम विभाग की चेतावनी का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य में बढ़ती चुनौतियां
हिमाचल प्रदेश पहले से ही प्राकृतिक आपदाओं की मार झेलता रहा है। इस बार भी बारिश ने राज्य की बुनियादी सुविधाओं, अर्थव्यवस्था और आम लोगों की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है। लगातार नुकसान से सरकार के सामने राहत और पुनर्निर्माण की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
“हिमाचल में जारी बारिश ने पूरे राज्य की रफ्तार थाम दी है। 338 सड़कें, 132 ट्रांसफॉर्मर और 141 जल योजनाएं बंद होने से लोगों की मुश्किलें चरम पर हैं। मंडी, कुल्लू और कांगड़ा सबसे ज्यादा प्रभावित जिले हैं। भारी वित्तीय नुकसान और जनहानि के बीच प्रशासन राहत और बहाली में जुटा है, लेकिन लगातार बारिश और भूस्खलन के खतरे से हालात और जटिल हो रहे हैं। आने वाले दिनों में बारिश का असर और बढ़ सकता है, इसलिए लोगों को सतर्क रहना बेहद जरूरी है।”