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कैसी है पाकिस्तान की मेट्रो? दिल्ली मेट्रो से कितनी अलग, इंफ्लूएंसर ने बताया पूरा हाल

परिचय

दुनियाभर में मेट्रो रेल सेवाएं बड़े शहरों में यातायात की रीढ़ मानी जाती हैं। भारत की राजधानी दिल्ली की मेट्रो सेवा को दुनियाभर में सराहा जाता है। वहीं, पाकिस्तान ने भी हाल के वर्षों में अपनी मेट्रो सेवाओं को विकसित किया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या पाकिस्तान की मेट्रो, दिल्ली मेट्रो जितनी आधुनिक और सुविधाजनक है? हाल ही में एक इंफ्लूएंसर ने पाकिस्तान की मेट्रो का दौरा किया और इसे दिल्ली मेट्रो से तुलना करते हुए अपने अनुभव साझा किए।

यह लेख पाकिस्तान की मेट्रो प्रणाली की विशेषताओं, इसकी तुलना दिल्ली मेट्रो से और दोनों की खूबियों और खामियों पर विस्तार से चर्चा करेगा।


1. पाकिस्तान में मेट्रो का विकास

पाकिस्तान में मेट्रो रेल सिस्टम नया है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में तेजी से काम किया गया है। पाकिस्तान के तीन प्रमुख शहरों—लाहौर, इस्लामाबाद-रावलपिंडी और कराची में मेट्रो बस और रेल सेवाओं का विस्तार किया गया है।

1.1 लाहौर मेट्रो

लाहौर मेट्रो पाकिस्तान का पहला पूर्ण विकसित मेट्रो रेल प्रोजेक्ट है। इसे “ऑरेंज लाइन मेट्रो ट्रेन” के नाम से जाना जाता है और यह 2018 में बनकर तैयार हुई। चीन के सहयोग से इस प्रोजेक्ट को विकसित किया गया, और इसे पाकिस्तान की सबसे अत्याधुनिक परिवहन प्रणाली माना जाता है।

1.2 रावलपिंडी-इस्लामाबाद मेट्रोबस

इस्लामाबाद और रावलपिंडी के बीच 2015 में मेट्रोबस सेवा शुरू की गई। यह शहर के प्रमुख स्थानों को जोड़ती है और दैनिक यात्रियों के लिए किफायती परिवहन साधन बन चुकी है।

1.3 कराची ग्रीन लाइन बस सेवा

कराची में भी “ग्रीन लाइन बस सेवा” शुरू की गई, जो पाकिस्तान में मेट्रो सेवाओं का हिस्सा मानी जाती है। हालांकि यह पूरी तरह से मेट्रो ट्रेन सेवा नहीं है, लेकिन इसे एक महत्वपूर्ण परिवहन प्रोजेक्ट के रूप में देखा जाता है।


2. पाकिस्तान की मेट्रो बनाम दिल्ली मेट्रो: एक तुलनात्मक अध्ययन

2.1 निर्माण और विकास

  • दिल्ली मेट्रो को भारतीय सरकार और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) द्वारा संचालित किया जाता है। यह 2002 में शुरू हुई थी और अब तक 390+ किलोमीटर से अधिक विस्तार कर चुकी है।
  • पाकिस्तान की लाहौर मेट्रो को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के अंतर्गत चीन की मदद से बनाया गया। यह करीब 27 किलोमीटर लंबी है।
  • इस्लामाबाद और कराची में मेट्रो बस सेवाएं हैं, लेकिन अभी तक पूरी तरह मेट्रो रेल सेवा नहीं है।

2.2 ट्रेन और कोच की गुणवत्ता

  • दिल्ली मेट्रो में अत्याधुनिक तकनीक से बनी बोगियां होती हैं, जो हवाई जहाज जैसी स्वच्छता और आरामदायक सीटिंग प्रदान करती हैं। ट्रेनें तेज़ गति से चलती हैं और समय की पाबंद होती हैं।
  • लाहौर मेट्रो में चीनी कंपनियों द्वारा निर्मित आधुनिक कोच हैं, लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि इनमें सुविधाओं की कमी है।

2.3 किराया और किफायत

  • दिल्ली मेट्रो में किराया ₹10 से ₹60 के बीच होता है, जो यात्रा की दूरी पर निर्भर करता है।
  • पाकिस्तान की मेट्रो सेवाओं में किराया भारतीय रुपये में ₹10-₹30 के बीच होता है, जिससे यह अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है।

2.4 ट्रैफिक और भीड़

  • दिल्ली मेट्रो में प्रतिदिन 50 लाख से अधिक लोग यात्रा करते हैं।
  • लाहौर मेट्रो में प्रतिदिन यात्रियों की संख्या 2.5-3 लाख के आसपास बताई जाती है।
  • इस्लामाबाद और कराची की मेट्रो बस सेवाओं में यात्रियों की संख्या कम है, लेकिन यह भीड़-भाड़ वाले समय में भर जाती हैं।

2.5 सुरक्षा और निगरानी

  • दिल्ली मेट्रो में CCTV कैमरे, सिक्योरिटी चेक, महिला सुरक्षा गार्ड आदि मौजूद रहते हैं।
  • पाकिस्तान की मेट्रो में भी सुरक्षा के लिए उपाय किए गए हैं, लेकिन कुछ यात्रियों का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था दिल्ली मेट्रो जितनी मजबूत नहीं है।

3. पाकिस्तान की मेट्रो पर इंफ्लूएंसर का अनुभव

हाल ही में एक भारतीय व्लॉगर और इंफ्लूएंसर ने पाकिस्तान का दौरा किया और वहां की मेट्रो सेवाओं का अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि:

  • लाहौर मेट्रो का इन्फ्रास्ट्रक्चर अच्छा है, लेकिन ट्रेनें उतनी फ्रीक्वेंट नहीं चलतीं।
  • दिल्ली मेट्रो की तुलना में पाकिस्तानी मेट्रो में भीड़ कम होती है, जिससे सफर आरामदायक लगता है।
  • कुछ स्टेशनों की साफ-सफाई को लेकर सवाल उठाए गए, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था ठीक-ठाक लगी।

उनका कहना था कि पाकिस्तान की मेट्रो सेवा अभी अपने शुरुआती दौर में है, और इसमें सुधार की काफी संभावनाएं हैं।


4. पाकिस्तान की मेट्रो में सुधार की जरूरतें

हालांकि पाकिस्तान की मेट्रो सेवा एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन इसमें कुछ कमियां भी हैं। यहां सुधार की संभावनाएं हैं:

  1. नेटवर्क का विस्तार – दिल्ली मेट्रो की तरह पूरे शहर को जोड़ने की जरूरत।
  2. बेहतर रखरखाव – ट्रेनों और स्टेशनों की साफ-सफाई में सुधार लाना।
  3. फ्रीक्वेंसी बढ़ाना – ट्रेनों की संख्या और टाइमिंग बेहतर बनाना।
  4. सुरक्षा प्रणाली मजबूत करना – महिलाओं और यात्रियों की सुरक्षा को और सख्त करना।
  5. डिजिटल टिकटिंग और स्मार्ट कार्ड सिस्टम – दिल्ली मेट्रो की तरह आसान भुगतान प्रणाली बनाना।

5. क्या पाकिस्तान की मेट्रो दिल्ली मेट्रो को टक्कर दे सकती है?

वर्तमान समय में, पाकिस्तान की मेट्रो दिल्ली मेट्रो के स्तर तक नहीं पहुंची है। इसकी प्रमुख वजहें हैं:

  • पाकिस्तान में मेट्रो सेवाएं नई हैं और उन्हें दिल्ली मेट्रो जितना अनुभव नहीं है।
  • दिल्ली मेट्रो के पास तकनीकी और वित्तीय संसाधन अधिक हैं।
  • पाकिस्तान में ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास अभी धीमी गति से हो रहा है।

हालांकि, पाकिस्तान यदि अपने मेट्रो सिस्टम में आवश्यक सुधार लाता है और इसे और विकसित करता है, तो आने वाले वर्षों में यह भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय मेट्रो सेवा बन सकती है।


निष्कर्ष

दिल्ली मेट्रो और पाकिस्तान की मेट्रो दोनों की तुलना करने पर यह स्पष्ट होता है कि भारत का मेट्रो सिस्टम पाकिस्तान से कहीं ज्यादा उन्नत और प्रभावी है। दिल्ली मेट्रो न केवल अधिक यात्रियों को संभालती है, बल्कि यह समय की पाबंद, तकनीकी रूप से उन्नत और सुरक्षित भी है।

वहीं, पाकिस्तान की मेट्रो सेवाएं अभी अपने शुरुआती दौर में हैं। अगर सही रणनीति और निवेश किया जाए, तो पाकिस्तान भी अपने मेट्रो सिस्टम को दुनिया के बेहतरीन मेट्रो नेटवर्क में शामिल कर सकता है।

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