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पाकिस्तान में कैसे मनी होली? भारत से कितनी अलग? इंफ्लूएंसर ने वीडियो शेयर कर दिखाया नजारा

भूमिका

होली भारत का एक प्रमुख और रंगों से भरा हुआ त्योहार है, जिसे देशभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि, यह त्योहार केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में हिंदू समुदाय द्वारा इसे उत्साह के साथ मनाया जाता है। पाकिस्तान, जो कभी भारत का ही हिस्सा था, वहां भी हिंदू समुदाय रहता है, और वे भी इस त्योहार को अपने पारंपरिक तरीकों से मनाते हैं।

हाल ही में एक भारतीय इंफ्लूएंसर ने पाकिस्तान का दौरा किया और वहां के हिंदू समुदाय के बीच होली के जश्न को कैमरे में कैद किया। इस वीडियो ने यह दिखाया कि पाकिस्तान में होली कैसे मनाई जाती है और यह भारत की होली से कितनी अलग या समान है।

पाकिस्तान में हिंदू समुदाय और होली का महत्व

पाकिस्तान में हिंदू समुदाय की आबादी लगभग 40-50 लाख है, जो देश के कुल जनसंख्या का 1.85% हिस्सा बनाती है। हिंदू समुदाय मुख्य रूप से सिंध, बलूचिस्तान और पंजाब प्रांतों में रहता है, जहां वे अपने धार्मिक त्योहारों को परंपरागत तरीके से मनाते हैं।

होली केवल एक रंगों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह भाईचारे, प्रेम, और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू इसे अपनी धार्मिक परंपरा और सांस्कृतिक विरासत के रूप में देखते हैं। हालांकि, वहां की सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों के कारण इस त्योहार को मनाने में कई चुनौतियाँ भी आती हैं।

पाकिस्तान में होली का जश्न: इंफ्लूएंसर का अनुभव

भारतीय इंफ्लूएंसर, जिन्होंने पाकिस्तान में होली का अनुभव किया, उन्होंने बताया कि वहां के हिंदू समुदाय के लोग इस त्योहार को कितनी खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। उनके अनुसार:

  • होली का मुख्य केंद्र सिंध और कराची में होता है, जहां बड़ी संख्या में हिंदू रहते हैं।
  • मंदिरों और सामुदायिक केंद्रों में आयोजन होते हैं, क्योंकि सार्वजनिक स्थानों पर खुलकर होली मनाना उतना आसान नहीं है।
  • रंगों की कमी नहीं होती, लेकिन लोग मुख्य रूप से फूलों और गुलाल का ही उपयोग करते हैं।
  • भजन और कीर्तन का आयोजन ज्यादा होता है, जिससे होली एक धार्मिक अनुष्ठान की तरह लगती है।
  • कुछ मुस्लिम दोस्त भी शामिल होते हैं, जो हिंदू समुदाय के साथ मिलकर इस त्योहार का आनंद लेते हैं।

इंफ्लूएंसर ने अपने वीडियो में यह भी दिखाया कि पाकिस्तान में होली कैसे मनाई जाती है और लोग इसमें कितनी ऊर्जा और खुशी के साथ शामिल होते हैं।

भारत और पाकिस्तान की होली में अंतर

भारत और पाकिस्तान की होली में कुछ बड़े अंतर देखने को मिलते हैं।

3.1. उत्सव का पैमाना

  • भारत में: होली बड़े पैमाने पर मनाई जाती है, जहां शहरों, गांवों, गलियों और सड़कों पर लोग रंग खेलते हैं।
  • पाकिस्तान में: यह मुख्य रूप से हिंदू मंदिरों, घरों और कुछ विशेष सामुदायिक स्थलों तक ही सीमित रहती है।

3.2. रंगों और पानी का उपयोग

  • भारत में: रंगों के साथ-साथ पानी, पिचकारी, और तरह-तरह के रंग-बिरंगे पाउडर का उपयोग किया जाता है।
  • पाकिस्तान में: अधिकतर गुलाल और फूलों से होली खेली जाती है। कई जगहों पर पानी का उपयोग कम किया जाता है।

3.3. धार्मिक और सामाजिक माहौल

  • भारत में: होली एक धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक उत्सव के रूप में मनाई जाती है। हर धर्म और संप्रदाय के लोग इसमें भाग लेते हैं।
  • पाकिस्तान में: होली को हिंदू त्योहार के रूप में अधिक देखा जाता है, और इसमें हिंदू समुदाय के लोग ही प्रमुख रूप से भाग लेते हैं।

3.4. सुरक्षा और स्वतंत्रता

  • भारत में: लोग सड़कों पर बिना किसी डर के होली मनाते हैं।
  • पाकिस्तान में: कुछ स्थानों पर होली मनाने के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ती है और सुरक्षा व्यवस्था भी देखनी पड़ती है।

3.5. खानपान

  • भारत में: होली के दौरान गुजिया, ठंडाई, दही भल्ले और पकौड़े जैसी कई पारंपरिक मिठाइयाँ बनाई जाती हैं।
  • पाकिस्तान में: होली के दौरान कुछ विशेष मिठाइयाँ बनाई जाती हैं, लेकिन वे भारतीय होली के पकवानों से थोड़ी अलग होती हैं।

पाकिस्तान में होली मनाने की चुनौतियाँ

पाकिस्तान में होली मनाने वाले हिंदू समुदाय को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

  1. सुरक्षा की चिंता: सार्वजनिक रूप से होली मनाने पर कुछ कट्टरपंथी समूहों की आपत्ति होती है, जिससे हिंदू समुदाय को सुरक्षित स्थानों पर ही इसका आयोजन करना पड़ता है।
  2. धार्मिक भेदभाव: पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को कई बार भेदभाव का सामना करना पड़ता है, जिससे कई लोग अपने त्योहारों को खुलेआम मनाने से हिचकिचाते हैं।
  3. सरकारी सहयोग की कमी: भारत में होली पर सरकारी छुट्टी होती है और इसे बड़े स्तर पर मनाने की अनुमति होती है, लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं होता।
  4. सामाजिक स्वीकृति: कुछ क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदू त्योहारों में शामिल होते हैं, लेकिन कई जगहों पर इसे लेकर संकोच बना रहता है।

क्या पाकिस्तान में होली को अधिक खुले रूप में मनाया जा सकता है?

हालांकि, पाकिस्तान में होली मनाने के लिए चुनौतियाँ हैं, लेकिन समय के साथ चीज़ें बदल भी रही हैं।

  • कुछ बड़े शहरों में युवाओं के बीच धार्मिक सहिष्णुता बढ़ी है और वे सभी त्योहारों में भाग लेते हैं।
  • पाकिस्तान सरकार ने 2016 में पहली बार हिंदू त्योहारों के लिए सार्वजनिक छुट्टी घोषित की थी, जिससे यह संकेत मिलता है कि चीज़ें धीरे-धीरे बदल रही हैं।
  • कई मुस्लिम परिवार अपने हिंदू पड़ोसियों के साथ होली मनाने लगे हैं, जो एक सकारात्मक संकेत है।

अगर सरकार और समाज का समर्थन मिले, तो पाकिस्तान में होली को और अधिक खुले और व्यापक रूप से मनाया जा सकता है।

निष्कर्ष

भारत और पाकिस्तान की होली में कई अंतर हैं, लेकिन एक चीज़ समान है—यह त्योहार लोगों को जोड़ता है, प्यार और भाईचारे का संदेश देता है।

पाकिस्तान में हिंदू समुदाय होली को पूरी श्रद्धा और खुशी के साथ मनाता है, हालांकि वे भारत जैसी खुली स्वतंत्रता के साथ नहीं मना सकते। भारतीय इंफ्लूएंसर द्वारा साझा किया गया वीडियो इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान में होली का जश्न भले ही सीमित हो, लेकिन उसका जोश और उमंग किसी से कम नहीं है।

अगर समाज और सरकार की सोच में बदलाव आता है, तो आने वाले वर्षों में पाकिस्तान में भी होली का जश्न भारत की तरह खुलकर मनाया जा सकता है। क्योंकि रंगों की कोई सीमा नहीं होती, वे हर दिल को एक साथ जोड़ने की ताकत रखते हैं!

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