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आप्रवास और विदेशी विधेयक 2025: अब भारत में घुसपैठ पर लगेगी सख्त लगाम

“भारत सरकार ने देश की सीमाओं को सुरक्षित और आप्रवासी नीति को सशक्त बनाने के लिए 11 मार्च 2025 को “आप्रवास और विदेशी विधेयक, 2025″ (Immigration and Foreigners Bill, 2025) को लोकसभा में पेश किया।”

यह विधेयक पुराने असंगठित कानूनों की जगह एक व्यवस्थित, एकीकृत और आधुनिक प्रणाली को स्थापित करेगा। इसका मकसद है—भारत में प्रवेश करने वाले विदेशी नागरिकों की बेहतर निगरानी और अवैध घुसपैठ पर सख्त कार्रवाई।


🔹 पुराने कानून बनाम नया विधेयक

बिंदुपुराना कानूननया विधेयक 2025
कुल कानून4 अलग-अलग कानून (पुराने और बिखरे हुए)1 एकीकृत विधेयक
निगरानी संस्थानहीं थी“ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन” की स्थापना
वीजा/पासपोर्टप्रावधान अस्पष्टवीजा और पासपोर्ट अनिवार्य और स्पष्ट दिशा-निर्देश
पंजीकरणआंशिकसभी विदेशियों के लिए अनिवार्य
निर्णय की अंतिमताअस्पष्ट, अपील की संभावनाइमिग्रेशन अधिकारियों के निर्णय होंगे अंतिम

🔹 क्यों जरूरी था यह नया कानून?

  • अवैध घुसपैठ में वृद्धि
  • आतंकवाद और सुरक्षा खतरों की बढ़ती आशंका
  • पुराने कानूनों की अस्पष्टता और बिखराव
  • तकनीकी निगरानी की कमी
  • भारत को वैश्विक मानकों के अनुरूप इमिग्रेशन कानून चाहिए था

🔹 विधेयक की प्रमुख विशेषताएं

1. पासपोर्ट और वीजा अनिवार्यता

अब भारत में प्रवेश के लिए सभी विदेशी नागरिकों के लिए वैध पासपोर्ट, वीजा या यात्रा दस्तावेज जरूरी होंगे। इसके बिना प्रवेश गैरकानूनी माना जाएगा।

2. विदेशियों के लिए अनिवार्य पंजीकरण

भारत में प्रवेश करने वाले हर विदेशी नागरिक को निर्धारित समयसीमा में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा, चाहे वह किसी भी मकसद से आया हो—पर्यटन, शिक्षा, व्यापार या चिकित्सा।

3. ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन की स्थापना

देश में विदेशी नागरिकों की निगरानी के लिए एक केन्द्रीयकृत और तकनीकी रूप से सक्षम संस्था—”ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन” बनाई जाएगी, जो:

  • एंट्री/एग्ज़िट की निगरानी करेगी
  • डेटाबेस रखेगी
  • नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई करेगी

4. अवैध प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई

जो लोग भारत में बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे हैं, उन पर तुरंत डिटेंशन और डिपोर्टेशन (निर्वासन) की कार्रवाई की जा सकेगी।

5. इमिग्रेशन अधिकारियों को बढ़ी हुई शक्ति

अब अधिकारियों के निर्णय अंतिम और बाध्यकारी माने जाएंगे। अपील की प्रक्रिया सीमित होगी ताकि तेजी से निर्णय हो सकें।


🔹 विधेयक के लाभ

लाभ का क्षेत्रविवरण
राष्ट्रीय सुरक्षाघुसपैठियों पर नियंत्रण, आतंकियों पर नजर
प्रशासनिक सुविधासभी प्रक्रियाएं एक सिस्टम में एकीकृत
आंकड़ों की पारदर्शिताहर विदेशी नागरिक का डेटा होगा रिकॉर्डेड
आर्थिक नियंत्रणअवैध मजदूरी और असंगठित प्रवासियों की रोकथाम
वैश्विक छविभारत की इमिग्रेशन प्रणाली होगी मजबूत और भरोसेमंद

🔹 इससे जुड़े संभावित सवाल

❓ क्या यह कानून विदेशी छात्रों पर भी लागू होगा?

✔️ हां, हर विदेशी नागरिक को भारत आने पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा, चाहे वह छात्र हो, पर्यटक हो या कारोबारी।

❓ क्या भारत आने से पहले ही पंजीकरण होगा?

✔️ नहीं, पंजीकरण भारत आने के बाद निर्धारित समय में करना होगा।

❓ क्या इस कानून से धार्मिक शरणार्थियों पर असर पड़ेगा?

✔️ सरकार ने कहा है कि “मानवता के आधार पर मिलने वाली शरण की प्रक्रिया” अलग रहेगी, और यह कानून अवैध घुसपैठियों पर केंद्रित है।


🔹 विपक्ष और नागरिक संगठनों की प्रतिक्रिया

कुछ संगठनों का मानना है कि:

  • यह विधेयक विदेशियों के अधिकारों को सीमित कर सकता है
  • मानवाधिकार संगठनों ने निगरानी के दायरे को लेकर चिंता जताई
  • हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कानून राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए आवश्यक है

🔹 भविष्य की तैयारी

सरकार इस कानून के लागू होते ही:

  • डिजिटल इमिग्रेशन पोर्टल शुरू करेगी
  • सीमावर्ती इलाकों में निगरानी तंत्र को आधुनिक बनाया जाएगा
  • पुलिस और इमिग्रेशन अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा
  • फॉरनर रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRO) की प्रणाली को एकीकृत किया जाएगा

आप्रवास और विदेशी विधेयक 2025 भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, प्रशासनिक दक्षता और वैश्विक छवि को बेहतर बनाने की दिशा में एक मजबूत और दूरदर्शी कदम है। यह विधेयक न केवल घुसपैठ पर नियंत्रण करेगा, बल्कि देश में आने-जाने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाएगा।

आने वाले समय में यह कानून डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत 2047 की नींव को और मजबूत करेगा।

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