भारत-मध्य एशिया साझेदारी: दुर्लभ खनिजों की खोज से डिजिटल क्षेत्र तक
"भारत और मध्य एशिया के देशों के बीच हालिया सहयोग ने एक नई दिशा ली है। नई दिल्ली में आयोजित भारत-मध्य एशिया वार्ता की चौथी बैठक में, छह देशों—भारत, कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान—ने आपसी सहयोग के नए आयाम तय किए हैं। इस बार चर्चा के मुख्य केंद्र में रहा दुर्लभ खनिजों की खोज, डिजिटल साझेदारी, और आर्थिक सहयोग।"
भारत मध्य एशिया दुर्लभ खनिज: वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में नई पहल
चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी खनिजों और मैग्नेट के निर्यात पर रोक लगाने के बाद, भारत और मध्य एशियाई देशों ने मिलकर इस क्षेत्र में नए स्रोत खोजने का निर्णय लिया है। यह सहयोग न केवल इन देशों के संसाधन विकास में मदद करेगा, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को भी स्थिर बनाएगा।
सितंबर 2024 में आयोजित इंडिया-सेंट्रल एशिया रेयर अर्थ फोरम की सफलता को देखते हुए, अगली बैठक की तैयारी पर भी चर्चा हुई। मंत्रियों ने यह स्वीकार किया कि खनिज क्षेत्र में संयुक्त प्रयासों के बिना आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ना मुश्किल है।
घरेलू विनिर्माण और उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाएं
भारत सरकार की योजना है कि वह इन खनिजों के आधार पर घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दे। इसके लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) जैसी योजनाएं तैयार की जा रही हैं। इससे भारतीय उद्योगों को मजबूत आधार मिलेगा और खनिज आधारित तकनीकी उत्पादों का आयात घटेगा।
व्यापार और निवेश में वृद्धि की नई रणनीतियां
भारत और मध्य एशियाई देशों ने फार्मास्यूटिकल्स, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि, ऊर्जा, कपड़ा, रत्न और आभूषण जैसे क्षेत्रों में व्यापार को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इन क्षेत्रों में सहयोग से न केवल निर्यात बढ़ेगा, बल्कि दोनों पक्षों के लिए रोजगार और नवाचार के नए अवसर भी खुलेंगे।
डिजिटल भुगतान और वित्तीय प्रणाली में गहराता सहयोग
दोनों पक्षों ने वित्तीय सहयोग को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल भुगतान प्रणाली, बेहतर बैंकिंग संबंध, और स्थानीय मुद्राओं में व्यापार जैसे मुद्दों पर काम करने का निर्णय लिया। इसके लिए एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना की जा रही है, जो इन उपायों के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा।
“इंडिया स्टैक” की सराहना और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
मध्य एशियाई देशों ने भारत के डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना मॉडल “इंडिया स्टैक” की सराहना की, जो डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और सार्वजनिक सेवा वितरण को तेज करता है। भारत ने इन देशों में इस मॉडल के निर्माण में सहायता देने की बात कही है।
डिजिटल साझेदारी फोरम: उज्बेकिस्तान में पहली बैठक
भारत और मध्य एशियाई देशों ने मिलकर इंडिया-सेंट्रल एशिया डिजिटल पार्टनरशिप फोरम की स्थापना पर सहमति जताई है। इसकी पहली बैठक की मेजबानी उज्बेकिस्तान करेगा। यह फोरम डिजिटल सहयोग के लिए एक प्रमुख मंच बनकर उभरेगा।
भारत मध्य एशिया के संबंधों में नई ऊर्जा
यह वार्ता न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण थी, बल्कि इससे भविष्य की आर्थिक रणनीतियों को भी दिशा मिली। साझा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए इन देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल का आदान-प्रदान, संयुक्त अनुसंधान, और प्रौद्योगिकी साझेदारी जैसे उपायों पर बल दिया गया।
पर्यावरण और सतत विकास का दृष्टिकोण
खनिजों की खोज के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को भी प्राथमिकता दी गई। यह सुनिश्चित किया गया कि संसाधनों का दोहन पर्यावरणीय मानकों के तहत हो और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति का संतुलन बना रहे।
"भारत और मध्य एशिया के देशों का यह नया सहयोग मॉडल वैश्विक स्तर पर एक उदाहरण पेश करता है। दुर्लभ खनिजों की खोज से लेकर डिजिटल अवसंरचना के निर्माण तक, हर क्षेत्र में यह भागीदारी दीर्घकालिक लाभ देने की क्षमता रखती है। फोकस कीवर्ड "भारत मध्य एशिया दुर्लभ खनिज" इस पूरे प्रयास का केंद्र है, और यह साझेदारी निकट भविष्य में आर्थिक और तकनीकी विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है।"
