टैरिफ विवाद में अमेरिका को जवाब देने के लिए भारत-चीन की साझेदारी जरूरी: बीजिंग
“टैरिफ विवाद के बीच भारत-चीन को एक साथ खड़े होने का सुझाव अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा टैरिफ नीतियों के कथित दुरुपयोग पर चीन ने चिंता जताई है। बीजिंग का कहना है कि भारत और चीन को इस चुनौती का सामना एकजुट होकर करना चाहिए। चीन के मुताबिक, एशिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मिलकर इस व्यापारिक दबाव को संतुलित कर सकती हैं।”
भारत-चीन एकजुटता टैरिफ विवाद में क्यों जरूरी है ?
टैरिफ यानी आयात शुल्क एक ऐसा हथियार बन गया है जिसे अमेरिका ने कई देशों के खिलाफ इस्तेमाल किया है। चीन और भारत दोनों अमेरिका की इस नीति से प्रभावित हुए हैं। इसीलिए चीन चाहता है कि भारत-चीन एकजुटता टैरिफ विवाद में एक मजबूत स्थिति बनाए।
चीन का बयान: “हमें मिलकर खड़ा होना होगा”
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन की नीति केवल चीन पर ही नहीं बल्कि अन्य विकासशील देशों पर भी असर डाल रही है। उन्होंने कहा:
“भारत और चीन दोनों को एक वैश्विक विकासशील आवाज के रूप में मिलकर इस व्यापारिक असमानता का सामना करना चाहिए।”
ट्रम्प की टैरिफ नीति क्या है ?
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के दौरान चीन पर सैकड़ों अरब डॉलर के टैरिफ लगाए। उनका कहना था कि इससे अमेरिका की घरेलू इंडस्ट्री को फायदा होगा। लेकिन इससे चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध शुरू हो गया।
भारत को भी कई क्षेत्रों में इस नीति का नुकसान हुआ, खासकर एल्यूमिनियम, स्टील और टेक्सटाइल एक्सपोर्ट में।
क्या भारत और चीन साथ आ सकते हैं ?
हालांकि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और कूटनीतिक तनाव बने हुए हैं, लेकिन आर्थिक हित एक ऐसा क्षेत्र है जहां दोनों देशों की सोच मेल खा सकती है।
आर्थिक साझेदारी की संभावना
- दोनों देश एशिया की प्रमुख ताकतें हैं।
- व्यापारिक संतुलन बनाए रखने के लिए मिलकर रणनीति बना सकते हैं।
- विश्व व्यापार संगठन (WTO) में साझा प्रस्ताव दे सकते हैं।
टैरिफ का प्रभाव: भारत और चीन पर असर
भारत पर असर:
- स्टील और एल्युमिनियम निर्यात में गिरावट
- टेक्सटाइल और कृषि उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क
- अमेरिकी कंपनियों से व्यापार में बाधा
चीन पर असर:
- इलेक्ट्रॉनिक्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में घाटा
- अमेरिकी आयात में भारी कमी
- आपूर्ति शृंखला पर संकट
वैश्विक व्यापार में संतुलन जरूरी
भारत-चीन एकजुटता टैरिफ विवाद के संदर्भ में इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वैश्विक व्यापार असंतुलन की दिशा में जा रहा है। अगर दोनों देश मिलकर रणनीति बनाते हैं तो व्यापारिक माहौल में स्थिरता आ सकती है।
