2031 तक भारत की बिजली उत्पादन क्षमता 870 गीगावाट पहुंचेगी: सरकार की व्यापक योजना
भारत की बिजली उत्पादन क्षमता 2031 तक 870 गीगावाट तक पहुंचेगी
“भारत सरकार ने घोषणा की है कि देश की बिजली उत्पादन क्षमता को 2031-32 तक बढ़ाकर लगभग 870 गीगावाट किया जाएगा। वर्तमान में जून 2025 तक यह क्षमता 485 गीगावाट तक पहुंच चुकी है। यह निर्णय देश में बिजली की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।”
बिजली की मांग क्यों बढ़ रही है?
देश में बिजली की मांग में तेज़ी से वृद्धि हो रही है, और इसके पीछे कई कारण हैं:
- तेज़ आर्थिक विकास
- हर घर तक बिजली पहुंचाने की पहल
- शहरीकरण में इज़ाफा
- जीवन स्तर में सुधार
- एयर कंडीशनर, इलेक्ट्रिक वाहनों जैसी ऊर्जा-गहन तकनीकों का बढ़ता उपयोग
केंद्रीय विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने संसद में यह जानकारी दी और कहा कि सरकार ने 2034-35 तक के लिए थर्मल ऊर्जा की आवश्यकता लगभग 3,07,000 मेगावाट आंकी है।
थर्मल ऊर्जा: कोयला और लिग्नाइट आधारित परियोजनाएं
मार्च 2023 तक देश की स्थापित थर्मल क्षमता 2,11,855 मेगावाट थी। सरकार ने इस क्षमता में वृद्धि के लिए कई योजनाएं बनाई हैं:
- 97,000 मेगावाट अतिरिक्त थर्मल क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य
- अप्रैल 2023 से जून 2025 तक 11,680 मेगावाट की क्षमता पहले ही चालू हो चुकी है
- 38,935 मेगावाट क्षमता निर्माणाधीन
- 15,440 मेगावाट क्षमता के लिए अनुबंध दिए जा चुके हैं
- 35,460 मेगावाट संभावित थर्मल परियोजनाएं नियोजन के विभिन्न चरणों में हैं
जलविद्युत परियोजनाएं: प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग
जलविद्युत के क्षेत्र में भी सरकार ने ठोस योजनाएं बनाई हैं:
- 13,463.5 मेगावाट की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं
- 9,802 मेगावाट क्षमता नियोजन के विभिन्न चरणों में है
- इन सभी को 2031-32 तक पूरा करने का लक्ष्य है
परमाणु ऊर्जा: दीर्घकालिक और स्थायी समाधान
भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता में भी विस्तार की योजना है:
- 6,600 मेगावाट की क्षमता निर्माणाधीन है
- 7,000 मेगावाट की परियोजनाएं नियोजन व अनुमोदन के विभिन्न चरणों में हैं
- इनका लक्ष्य 2029-30 तक पूरा करना है
नवीकरणीय ऊर्जा: भविष्य की दिशा
देश में हरित ऊर्जा स्रोतों की ओर बड़ा रुझान देखा जा रहा है। सरकार ने निम्नलिखित लक्ष्य निर्धारित किए हैं:
- 1,58,450 मेगावाट नवीकरणीय क्षमता निर्माणाधीन
- इसमें शामिल हैं:
- 74,150 मेगावाट सौर ऊर्जा
- 30,080 मेगावाट पवन ऊर्जा
- 53,750 मेगावाट हाइब्रिड ऊर्जा
- इसमें शामिल हैं:
- 62,000 मेगावाट क्षमता नियोजन में
- इसमें शामिल हैं:
- 46,010 मेगावाट सौर ऊर्जा
- 15,990 मेगावाट हाइब्रिड ऊर्जा
- इसमें शामिल हैं:
सरकार ने इन परियोजनाओं को 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है।
ऊर्जा भंडारण प्रणाली: अगली पीढ़ी के समाधान
ऊर्जा भंडारण में भारत ने बड़ी छलांग लगाने की योजना बनाई है:
- 8,250 मेगावाट / 49,500 मेगावाट घंटा क्षमता की पंप स्टोरेज परियोजनाएं (PSP) निर्माणाधीन हैं
- 5,780 मेगावाट / 34,680 मेगावाट घंटा PSP को मंजूरी मिल चुकी है
- 3,500 मेगावाट / 21,000 मेगावाट घंटा PSP पर बोली प्रक्रिया चल रही है
- 15,829 मेगावाट / 51,106 मेगावाट घंटा की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) निर्माण व बोली चरणों में है
“भारत में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने ऊर्जा उत्पादन और भंडारण दोनों क्षेत्रों में बड़ी योजनाएं शुरू की हैं। 2031 तक 870 गीगावाट की उत्पादन क्षमता प्राप्त करना एक बड़ा लक्ष्य है, लेकिन वर्तमान योजनाओं, निर्माणाधीन परियोजनाओं और भविष्य की रूपरेखा को देखकर यह स्पष्ट है कि भारत ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। सरकार का यह दृष्टिकोण न केवल ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगा बल्कि हरित ऊर्जा और सतत विकास के लक्ष्य को भी आगे बढ़ाएगा।”
