भारत की बदलती विदेश नीति: 11 वर्षों में कूटनीति की नई परिभाषा
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति ने बीते 11 वर्षों में ऐतिहासिक परिवर्तन देखा है। पहले की तुलना में अब भारत की कूटनीति कहीं अधिक सक्रिय, रणनीतिक, आत्मविश्वासी और वैश्विक मुद्दों पर केंद्रित हो गई है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास" की भावना ने भारत की अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण को समावेशी और विकासोन्मुखी बना दिया है।"
पड़ोसी पहले नीति से मजबूत हुआ क्षेत्रीय जुड़ाव
Neighbourhood First
- नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों के साथ सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध मज़बूत हुए।
- SAARC और BIMSTEC जैसे मंचों के जरिए साझा क्षेत्रीय हितों को प्राथमिकता दी गई।
- बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा समझौता और नदी जल साझा समझौते अहम मील का पत्थर बने।
एक्ट ईस्ट से लेकर कनेक्ट सेंट्रल एशिया तक
रणनीतिक विस्तार
- “Act East Policy” के तहत ASEAN देशों के साथ रणनीतिक और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा मिला।
- “Think West” नीति के तहत खाड़ी देशों के साथ ऊर्जा, निवेश और श्रमिक सुरक्षा पर सहयोग बढ़ा।
- “Connect Central Asia” नीति ने भारत को यूरेशियन देशों से जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई।
SAGAR और समुद्री सुरक्षा
क्षेत्रीय समुद्री सहयोग
- SAGAR (Security and Growth for All in the Region) नीति के जरिए भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा, शांति और विकास को प्राथमिकता दी।
- मालदीव, सेशेल्स, मॉरीशस जैसे देशों में सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षण सहयोग के हिस्से बने।
आत्मनिर्भर रक्षा नीति: स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा
INS विक्रांत और iDEX जैसी पहलें
- भारत ने स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत लॉन्च कर मेक इन इंडिया को नई ऊंचाई दी।
- iDEX (Innovation for Defence Excellence) जैसी योजनाओं ने स्टार्टअप्स और नवाचारों को रक्षा क्षेत्र से जोड़ा।
- रक्षा निर्यात में 2014 की तुलना में अब 400% से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है।
मानवीय सहायता और आपदा प्रबंधन में अग्रणी भूमिका
वैश्विक फर्स्ट रिस्पॉन्डर
भारत ने आपात स्थितियों में विश्वसनीय मददगार के रूप में अपनी भूमिका स्थापित की है:
- ऑपरेशन गंगा (यूक्रेन, 2022)
- ऑपरेशन देवी शक्ति (अफगानिस्तान, 2021)
- मिशन सागर (COVID-19 दौरान सहायता, 2020)
- ऑपरेशन दोस्त (तुर्की-सीरिया भूकंप, 2023)
विदेश मंत्रालय के Rapid Response Cell ने इन अभियानों को तेज़ और प्रभावी बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई।
वैश्विक नेतृत्व की पहल: जलवायु और सतत विकास
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की भूमिका
- ISA (International Solar Alliance): 100+ देशों के साथ सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग।
- CDRI (Coalition for Disaster Resilient Infrastructure): आपदा प्रतिरोधी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए वैश्विक साझेदारी।
- LiFE Movement: पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली को बढ़ावा देने की अंतरराष्ट्रीय पहल।
G20 अध्यक्षता: भारत की कूटनीतिक ताकत का प्रतीक
वसुधैव कुटुंबकम का वैश्विक संदेश
2023 में भारत ने G20 की अध्यक्षता संभाली और "वसुधैव कुटुंबकम" (एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य) को वैश्विक एजेंडा का केंद्र बनाया।
- अफ्रीकी संघ को G20 का सदस्य बनाना भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत रही।
- डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, जलवायु वित्त और महिला नेतृत्व जैसे विषयों पर भारत ने एजेंडा सेट किया।
एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के रूप में उभरता भारत
भारत की बदलती विदेश नीति अब एक परिवर्तनकारी और प्रभावशाली ताकत बन चुकी है।
- क्षेत्रीय साझेदारी
- स्वदेशी रक्षा निर्माण
- मानवीय सहायता
- जलवायु नेतृत्व
- वैश्विक मंचों पर सक्रिय भागीदारी
इन सबके ज़रिए भारत ने खुद को न केवल एक अभिनव नीति निर्माता, बल्कि एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित किया है।
